Parliament Monsoon Session: संसद के मानसून सत्र में विपक्ष सांसद हंगामा करते-करते अपने आपा खो बैठे और उन्होंने बीते बुधवार (10 अगस्त) को जिस तरह से राज्यसभा में विपक्ष का बर्ताव देखा गया, उससे सदन की मर्यादा तार-तार हुई। इस बीच यह खबर सामने आ रही है कि, इन हंगामा करने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ अब राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू एक्शन ले सकते हैं।
जल्द से जल्द कोई फैसला लिया जाएगा :
दरअसल, आज शुक्रवार को सदन के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा- सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद, जल्द से जल्द कोई फैसला लिया जाएगा। चेयरमैन पहले की घटनाओं और उनमें लिए गए एक्शस की जानकारी ले रहे हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों उनकी आंखों की तरह हैं और उनकी नजर में दोनों बराबर हैं। सही तरह से देख पाना तभी संभव है, जब दोनों आंखें हों। सदन सुचारू रूप से चले, यह दोनों पक्षों की जिम्मेवारी है।
तो वहीं, सूत्रों के हवालों से भी यह जानकारी मिली है कि, राज्य सभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू जल्द ही राज्य सभा में विपक्षी सांसदों के कथित अनियंत्रित व्यवहार को लेकर कार्रवाई पर फैसला कर सकते हैं। वह पिछले उदाहरणों और कार्यों को देख रहे हैं, मामला या तो विशेषाधिकार समिति को सौंपा जा सकता है या एक नई समिति का गठन भी किया जा सकता है।
प्रिविलेज कमिटी के पास जा सकता है मामला
तो वहीं, विधेयकों को सदन की सिलेक्ट कमिटी को रेफर करने से जुड़े सवाल पर राज्यसभा के सभापति नायडू ने कहा, ''ऐसे मामलों में जब भी मतभेद होते हैं, सदन मिलकर फैसला लेता है। आसन से जबर्दस्ती नहीं की जा सकती।''
बता दें कि, राज्य सभा में बुधवार के दिन विपक्षी सांसदों द्वारा जो बर्ताव किया गया था, उससे सभापति एम. वेंकैया नायडू भावुक नजर आए थे। हंगामे पर राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू इतने आहत हुए थे कि, उनहोंने कहा था, ''मैं इससे बहुत आहत हूं। लोकतंत्र के मंदिर की बेअदबी होने से वे रातभर सो नहीं पाए। कल सदन में जो कुछ हुआ, वह लोकतंत्र के खिलाफ है। संसद लोकतंत्र का सर्वोच्च मंदिर होता है और इसकी पवित्रता पर आंच नहीं आने देना चाहिए।''
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