महात्मा गांधी के देश में हिंसा का कोई स्थान नहीं : अशोक गहलोत Social Media
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महात्मा गांधी के देश में हिंसा का कोई स्थान नहीं : अशोक गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महात्मा गांधी के विचार आज सारे विश्व के लिए प्रासंगिक बताते हुए कहा है कि गांधीजी के देश में हिंसा का कोई स्थान नहीं है।

News Agency

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महात्मा गांधी के विचार आज सारे विश्व के लिए प्रासंगिक बताते हुए कहा है कि गांधीजी के देश में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। श्री गहलोत आज सवाई मानसिंह स्टेडियम में गांधी जयन्ती के अवसर पर आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा तथा गांधी सद्भावना सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने अपने विचारों और जीवनशैली से संसार को सत्य और अहिंसा का संदेश दिया। उनकी अहिंसावादी विचारधारा ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया।

उन्होंने कहा कि आज सारा विश्व हिंसा व अशांति से जूझ रहा है। ऐसे समय में मात्र गांधीवादी सोच ही विश्व को शांति और अहिंसा की ओर अग्रसर कर सकती है। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत दक्षिण अफ्रीका से की जहां उन्होंने सरकार की रंगभेद की नीति को समाप्त करने के लिए सत्याग्रह किया। गांधी जी के द्वारा लिखी गई उनकी आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ सत्य और अहिंसा के दर्शन पर आधारित एक अद्वितीय रचना है। आज की युवा पीढ़ी को इसे जरूर पढ़ना चाहिए। इसके अध्ययन से युवा पीढ़ी में गांधीवादी सोच विकसित हो सकेगी।

उन्होंने कहा कि गांधी जी के द्वारा देश में सुदृढ़ की गई अहिंसावादी विचारधारा के कारण आज भारत का पूरे विश्व में सम्मान हो रहा है। गांधी जयन्ती के अवसर पर श्री गहलोत ने गांधी जी की विचारधारा पर चलते हुए समाज की उत्कृष्ट सेवा करने वाले पांच गांधीवादी विचारकों को गांधी सद्भावना सम्मान से सम्मानित किया। इनमें प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक डॉ. एस.एन. सुब्बाराव (मरणोपरान्त), श्री नेमीचंद जैन (मरणोपरान्त), श्री अमरनाथ भाई जी, गांधी पीस फाउण्डेशन के अध्यक्ष कुमार प्रशांत तथा भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के फाउंडर और चीफ पेट्रन डी.आर. मेहता शामिल थे। इन्हें मुख्यमंत्री द्वारा पांच लाख रूपए की सम्मान राशि, मोमेन्टो, प्रशस्ति पत्र देकर व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले गांधीवादी विचारकों को प्रतिवर्ष गांधी सद्भावना सम्मान दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के इंटीग्रेटेड पोर्टल का लोकार्पण भी किया।

कार्यक्रम में प्रदेशभर से लोगों ने एक साथ मिलकर सर्वधर्म प्रार्थना करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया। इसके लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस, लंदन के प्रतिनिधि प्रथम भल्ला द्वारा मुख्यमंत्री को प्रोविजनल सर्टीफिकेट दिया गया। विभिन्न विद्यालयों से आये बच्चों ने हाथों में तिरंगा लहराते हुए वैष्णव जन तो तेने कहिये, दे दी हमे आजादी व धर्म वो एक ही सच्चा के गायन को सुना। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी जी के विचारों को प्रसारित करने के लिए पहली बार अधिकारिक तौर पर एक अलग विभाग का निर्माण किया गया है। राजस्थान ऐसा करने वाला एकमात्र राज्य है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के सिद्धांतों और आदर्शों पर चलते हुए हिंसामुक्त समाज की स्थापना के लिए शांति एवं अहिंसा विभाग की स्थापना की गई है। ये विभाग गांधी जी के विचारों को घर-घर तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है, ताकि आमजन सभी प्रकार की हिंसा के उन्मूलन के लिए प्रेरित हों।

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