जोधपुर, राजस्थान। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान की परम्परा एवं संस्कृति को संवेदनाओं वाली बताते हुए कहा है कि हमने हमेशा सेवा का भाव रखा है और राज्य सरकार मानवता की सेवा करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं का निरन्तर विस्तार कर रही है।
अशोक गहलोत सोमवार को जोधपुर में व्यास मेडिसिटी का उद्घाटन करते हुए समारोह में उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में उद्देश्य केवल लाभ कमाने का नहीं होना चाहिए, बल्कि यह सेवा का भी माध्यम है। यदि अन्य राज्य का व्यक्ति भी राजस्थान में आकर बीमार हो तो उसे भी समुचित उपचार मिलना चाहिए। उन्होंने आह्वान किया है कि निजी अस्पतालों को इसके लिए आगे आकर सहयोग करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने निरोगी राजस्थान की संकल्पना को साकार करने के लिए चिकित्सा क्षेत्र में हरसंभव कदम उठाए हैं। राज्य सरकार आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपनी योजनाओं को निरन्तर मजबूत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का उल्लेख करते हुए श्री गहलोत ने कहा कि योजना के अन्तर्गत अब बीमा कवर 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया है, जो दुनिया के किसी भी देश में नहीं है। वहीं, मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना के तहत दुर्घटना बीमा की राशि भी 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। उन्होंने कहा कि अंग प्रत्यारोपण के लिए अब राज्य के बाहर स्थित अस्पतालों में भी पैकेज देना अनुमत किया गया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना प्रबंधन में राजस्थान अव्वल रहा। सबको साथ लेकर राज्य सरकार ने कोरोना प्रबंधन किया। भीलवाड़ा मॉडल को पूरी दुनिया में सराहा गया। श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 'कोई भूखा ना सोए' के संकल्प के साथ राज्य में सभी जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन का प्रबंध किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग एक करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है तथा न्यूनतम पेंशन राशि एक हजार रुपए की गई है। इसमें 12 हजार करोड़ रुपए का बजट प्रावधान रखा गया है। श्री गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार को भी देश में सामाजिक सुरक्षा को लेकर एक समान कानून बनाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आमजन की तकलीफों को दूर करते हुए राज्य के प्रत्येक अंचल का समग्र विकास किया है। उन्होंने कहा कि जोधपुर में भी हर क्षेत्र में विकास कार्यों का पूरा ध्यान रखा गया है। जोधपुर में संभवत: सभी प्रतिष्ठित संस्थान स्थापित हैं। यहां एम्स, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, आयुर्वेद विश्वविद्यालय, सरदार पटेल पुलिस विश्वविद्यालय, एमबीएम इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान खोले गए हैं।
उन्होंने कहा कि जोधपुर में मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी एवं दिव्यांगजनों के लिए महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय खोलने की भी घोषणा की गई है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने मेडिसिटी परिसर में उपलब्ध सुविधाओं का अवलोकन किया। उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों से मुलाकात कर स्वास्थ्य की जानकारी ली है।
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