जयपुर,राजस्थान। जयपुर समेत कई बड़े छोटे शहरों में रहने में वाले बच्चो में खांसी-जुकाम के मामलो मे बढ़ोतरी देखी जा रही है। जयपुर के सबसे बड़े अस्पताल जेके लॉन की माने तो प्रतिदिन खांसी और जुखाम, बुखार के मरीज ज्यादा आ रहे है जिसमे ज्यादातर बच्चे पीड़ित हैं। सामान्य वायरल इन्फेक्शन में मरीज 4–6 दिन में ठीक हो जाता है लेकिन कई बच्चो में खासी 10 से 14 दोनो तक भी नहीं रुक रही है।
डॉक्टरों ने कहा है की अगर बच्चे ऐसी स्थिति में कोरोना की चपेट में आते है तो यह बहुत घातक हो सकता हैं। इनमे से 5 से 7% बच्चो को अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है, क्योंकि उनकी बीमारी की गंभीरता ज्यादा है।
1000 से ज्यादा मरीज ओपीडी में
जयपुर के सबसे बड़े अस्पताल जेके लॉन में प्रतिदिन करीब 1000 से 1200 या इससे भी ज्यादा मरीज ओपीडी में दिखाने आ रहे हैं। जिसमे से 300 मरीजों को केवल वायरल इन्फेक्शन हैं। इन मरीजों कुछ बच्चे भी जिनकी स्वास्थ्य ज्यादा बिगड़ जाने पर उन्हें भर्ती करना पड़ रहा है। नवंबर के महीने में भी लगभग 1100-1200 के करीब मरीज आते थे, लेकिन उनके डेंगू और मलेरिया के रोगियों की संख्या ज्यादा थी, लेकिन वायरल इन्फेक्शन के मामले बढ़ रहे है।
कोरोना और दूसरे वायरल बीमारियों में समानताएं
कोरोना और दूसरे वायरल में 90% से ज्यादा लक्षण सामान्य होते हैं जैसे जुखाम, गले में खराश, कमजोरी, थकान,सांस में तकलीफ आदि। ऐसे में बच्चा किस वायरस से संक्रमित है यह जांच करने के बाद ही पता चल पाएगा क्योंकि जयपुर के जेके अस्पताल के मुताबिक सभी तरह के वायरल इनफेक्टिव अभी एक्टिव हो चुके हैं। परट्यूसिस, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) और राइनोवायरस के केस भी इस बार देखने को मिल रहे हैं। अस्थमा-एलर्जी के केस में बच्चों में लम्बे समय तक खांसी चल रही है जिसे ठीक होने में 15 दिन से तक का भी समय लग रहा है।
कैसे बचा जा सकता है?
वायरल इन्फेक्शन से बचने के लिये बच्चो को मास्क का उपयोग करवाएं और ऐसी जगहों से दूर रखे जहां बीमारी या संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है जैसे हॉप्सिटल या ज्यादा भीड़ वाले इलाके बच्चो को सर्दी लगने से बचाएं क्योंकि सर्दी होने से इम्यूनिटी कमज़ोर हो जाती हैं।
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