अजमेर। राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 811वें सालाना उर्स का झंडा इस्लामिक कलेंडर की 25 जनवरी को दरगाह शरीफ के 85 फीट ऊंचे बुलंद दरवाजे पर भीलवाड़ा का गौरी परिवार परंपरागत तरीके से चढ़ाएगा। इसके लिए परिवार के फखरुद्दीन गौरी आज सायं अपने परिवार के सदस्यों के साथ अजमेर पहुंच रहे हैं। ख्वाजा साहब का सालाना उर्स 2023 झंडे की रस्म के साथ ही अनौपचारिक रूप से शुरू हो जाएगा, लेकिन रजब माह का चांद दिखाई देने पर 22 अथवा 23 जनवरी को विधिवत शुरू होगा। इससे पहले 21 जनवरी की शाम खिदमत के समय मजार शरीफ से सालभर पेश किए जाने वाले संदल को उतारा जाएगा। 22 जनवरी को चांद रात होने से तड़के सुबह आस्ताना खुलने के साथ ही छह दिनों के लिए जन्नती दरवाजा खोल दिया जाएगा।
इसी दिन शाम को महरौली से छड़ी लेकर आ रहे कलंदर जुलूस के रूप में छड़ियाँ पेश करेंगे। उर्स में इस बार 27 जनवरी को जुम्मे की बड़ी नमाज अदा की जाएगी और 29 अथवा 30 को कुल की रस्म होगी। इससे पहले दरगाह शरीफ में अनेक चादरें पेश करने का दौर भी चलेगा। प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री, विभिन्न मुख्यमंत्रियों, राजस्थान के राज्यपाल व मुख्यमंत्री तथा बॉलीवुड की चादर पेश होगी। यह पहला मौका होगा जब दौराने उर्स ख्वाजा के दर पर 26 जनवरी को बसंत भी पेश किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि भीलवाड़ा का गौरी परिवार 1944 से झंडा चढ़ाने की रस्म अदा करता आया है और उर्स के बाद झंडे को उतारकर परंपरागत तरीके से रखा जाता है।
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