सभी की पहुंच में लाने के लिए भारतीय भाषाओं में भी दी जाए प्रौद्योगिकी की शिक्षा : कलराज मिश्र Social Media
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सभी की पहुंच में लाने के लिए भारतीय भाषाओं में भी दी जाए प्रौद्योगिकी की शिक्षा : कलराज मिश्र

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि प्रौद्योगिकी की शिक्षा को सभी की पहुंच में लाने के लिए इसे हिन्दी और दूसरी भारतीय भाषाओं में भी प्रदान किया जाना चाहिए।

Author : News Agency

जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि प्रौद्योगिकी की शिक्षा को सभी की पहुंच में लाने के लिए इसे हिन्दी और दूसरी भारतीय भाषाओं में भी प्रदान किया जाना चाहिए। श्री मिश्र आज यहां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की पूर्व छात्र संगठन के जयपुर चैप्टर द्वारा आयोजित ‘उत्सव 175’ समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इसके लिए इस क्षेत्र से जुड़े सभी विशेषज्ञों से सहयोग करने और समन्वित प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने कार्बन रहित औद्योगिक विकास की दिशा में स्टार्टअप्स के माध्यम से पहल करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षाविद् पाठ्यक्रम बनाते समय स्थानीय उद्योग-धन्धों, निर्माण कार्य, सार्वजनिक क्षेत्र से जुड़ी जरूरतों को ध्यान में रखें तथा स्थानीय संसाधनों के अधिकाधिक उपयोग को सुनिश्चित करने का प्रयास करें।

राज्यपाल ने कहा कि वैज्ञानिक, तकनीकी और चिकित्सकीय शिक्षा अंग्रेजी में दिए जाने की परम्परा के कारण ये पाठ्यक्रम भारतीय भाषाओं में तैयार ही नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसलेशन एंड इंटरप्रिटेशन (आईआईटीआई) की अब जो पहल की गयी है, उससे अंग्रेजी के साथ भारतीय भाषाओं में भी इन पाठ्यक्रमों को उपलब्ध कराया जा सकेगा। श्री मिश्र ने संस्थान के 175वें स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि तकनीकी शिक्षा के बड़े केन्द्र के रूप में 1847 में आज के आईआईटी रूड़की की स्थापना हुई थी। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी शिक्षा के विकास के लिए सभी स्तरों पर प्रभावी प्रयास किए जाएं, क्योंकि यह देश के तकनीकी विकास के विभिन्न पहलुओं से ही नहीं जुड़ी है बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था और शिक्षा व्यवस्था को एक महत्वपूर्ण आधार भी प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि कोविड के दौर में भी तकनीक ने ही शिक्षा को सुलभ बनाने की राह आसान की थी।

उन्होंने आईआईटी रूड़की पूर्व छात्र संगठन के सदस्यों से ‘स्किल डवलपमेंट सेन्टर्स’ की स्थापना में सहयोग करने का आह्वान किया, ताकि राजस्थान में तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले युवाओं का क्षमता संवर्द्धन हो सके। आईआईटी रूड़की के वर्ष 1951 बैच में शिक्षा प्राप्त और इंदिरा गांधी नहर परियोजना के पूर्व अध्यक्ष ए.एस.कपूर ने अपने संबोधन में इंदिरा गांधी नहर परियोजना से प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में इस परियोजना से आए सकारात्मक बदलाव के बारे में चर्चा की। आईआईटी रूड़की पूर्व छात्र संगठन के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) विश्वम्भर सिंह ने संस्थान से अपने जुड़ाव के बारे में चर्चा की ।जयपुर चैप्टर की अध्यक्ष रश्मि गुप्ता ने संस्थान के 175 वर्ष के गौरवशाली अतीत के बारे में बताया।

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