जयपुर, राजस्थान। जयपुर दूरदर्शन केंद्र के प्रोग्राम निदेशक लक्ष्मण दास व्यास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा का यह 75 एपिसोड का सीरियल है, जो दूरदर्शन के डीडी नेशनल चैनल पर 14 अगस्त से प्रसारित होगा। हर रविवार रात 9:00 से 10:00 इस सीरियल में स्वतंत्रता संग्राम के महान नायकों के बलिदानों की बहुत सी सुनी अनसुनी कहानियों को पिरोया गया है।
इस सीरियल की 9 भाषाओं और अंग्रेजी में डबिंग की जा रही है। क्षेत्रीय भाषाओं में सीरियल का प्रसारण 20 अगस्त से दूरदर्शन के रीजनल चैनल पर रात्रि 8:00 से 9:00 बजे होगा, यह भाषाएं हैं तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम, मराठी, गुजराती, उड़िया, बंगाली और असमिया। इस सीरियल को 20 अगस्त से आकाशवाणी के विभिन्न केंद्रों द्वारा भी प्रसारित किया जाएगा हर शनिवार दिन में 11:00 बजे से।
सप्ताह के दौरान एपिसोड का पुनः प्रसारण भी किया जाएगा। सीरियल के लिए गहन शोध किया गया है। इस सीरियल का निर्माण 4K/HD उच्च गुणवत्ता में किया गया है।
इस सीरियल का आरंभ उस दौर से होता है जब 1498 में वास्को डी गामा ने भारत की धरती पर कदम रखा था। फिर पुर्तगालियों फ्रांसिस फ्रांसीसी ओं डेथ और अंग्रेजों ने भारत में उपनिवेश स्थापित करने के प्रयत्न किए। उस दौर से प्रारंभ होकर भारत के आजाद होने तक के संघर्ष और हमारे स्वाधीनता के नायकों की गौरव गाथा को इस सीरियल में संजोया गया है।
खास बात यह है कि इस कहानी में केवल मंगल पांडे रानी लक्ष्मीबाई और मंगल भगत सिंह जैसे जाने-माने नायकों के किस्से ही शामिल नहीं हैं, बल्कि इस सीरियल में अनसुने और भूले बिसरे नायकों और वीरांगनाओं जैसे रानी अब अक्का बक्शी जग बंधु तिरोत सिंग सिद्धू कानो मुर्मू सिवप्पा नायक कानू जी आंग्रे रानी गाइदिनल्यू और तिलकामांझी जैसे वीर योद्धाओं की कहानियां भी शामिल की गई है जिनका बलिदान अनसुना रह गया है।
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