हाइलाइट्स
शिव विधानसभा सीट बनी राजस्थान की 'हॉट सीट'।
रविंद्र निर्दलीय शिव विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं।
बीजेपी ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय मैदान में उतरे।
(हिमांशु सिंह बघेल) राजस्थान। राजस्थान की 'शिव' विधानसभा सीट राजनीतिक सियासत की सबसे 'हॉट सीट' बन गई है। कुछ दिन पहले रविंद्र सिंह भाटी बीजेपी में शामिल हुए थे, लेकिन टिकट न मिलने पर रविंद्र बागी हो गये। वह शिव विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में है। नामांकन फॉर्म भरने से पहले उन्होंने जनसभा में कहा था कि रामायण और गीता की सौगंध खाता हूँ शिव को कभी झुकने नहीं दूंगा।
क्यों बीजेपी से बागी हुए रविंद्र
बीजेपी में रविंद्र भाटी टिकट मिलने के एक दिन पहले शामिल हुए थे। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि उन्हें पार्टी शिव विधानसभा या सरदारपुरा विधानसभा से टिकट दी जाएगी, लेकिन पार्टी ज्वाइन करने के नौ दिन बाद उन्होंने बीजेपी से बगावत कर दी और निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया। सूत्रों की मानें तो पार्टी के अंदर कुछ राजपूत नेताओं के कारण रविंद्र का टिकट कट गया। उन्होंने बताया था कि वह स्वामी विवेकानंद जी की विचारधारा की वजह से बीजेपी में गए थे। रविंद्र भाटी लगातार 3 साल से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
कौन हैं रविंद्र सिंह भाटी
रविंद्र सिंह भाटी राजस्थान की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी जय नारायण व्यास जोधपुर यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष रह चुके हैं। इन्होंने साल 2019 के छात्रसंघ चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उम्मीदवारी की थी। इस दौरान उन्होंने जय नारायण व्यास जोधपुर यूनिवर्सिटी (JNVU) का 57 साल का इतिहास तोड़ते हुए 1294 वोटों से जीत हासिल की थी।
युवाओं के यूथ आइकॉन बने
रविंद्र भाटी जब जेएनवीयू में अध्यक्ष थे तभी से वो देश - भर के युवाओं के बीच चर्चा का विषय बन गए थे। बीजेपी ने जैसे ही शिव विधानसभा में नाम की घोषणा कि वैसे ही (X) पर बवाल शुरू हो गया। लोगों ने रविंद्र को अगला राजस्थान का सीएम बनाने के लिए ट्विटर पर ट्रेंड कर दिया था।
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