हाइलाइट्स
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का समापन सत्र आज।
पांचवे सत्र में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने किया सम्बोधित।
शर्मिष्ठा ने बेहतर भविष्य के लिए कांग्रेस को दी राय।
Sharmistha Mukherjee in Jaipur Literature Festival : जयपुर, राजस्थान। जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बन गए थे, तब भी वो मेरे पिताजी को "सर" ही कहते थे। इस पर मेरे पिताजी ने कई बार आपत्ति जताई थी, दरअसल वो दोनों एक-दूसरे की बहुत रिस्पेक्ट करते थे। यह बात पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के पांचवे दिन सोमवार को कही है। इस दौरान उन्होंने JLF 2024 के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और इंदिरा गांधी से जुड़ें कई किस्से उजागर किये। इसके साथ ही उन्होंने बेहतर भविष्य के लिए कांग्रेस की कमान गैर-गांधी को देने की राय दी।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आगे सेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि, एक बार मेरे पिताजी नागपुर जा रहे थे। उस समय में कांग्रेस में सक्रिय थी, तो मैंने उन्हें उनके आरएसएस के कार्यक्रम में जाने पर आपत्ति जताई थी जिस पर उन्होंने मुझे समझाया था कि, आरएसएस के कार्यक्रम में मैं कांग्रेस की विधारधारा बताने गया और वहां मैंने पंडित नेहरू की सोच सबके बीच रखी।
इंदिरा गांधी पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मेंटोर
इसके अलावा उन्होंने इंदिरा गांधी के विषय में बताते हुए कहा कि, मेरे पिता इंदिरा गांधी से बहुत प्रभावित थे। उन्होंने उनके जीवन में जो कुछ भी सीखा इंदिरा गांधी से सीखा था। इंदिरा गांधी मेरे पिता की मेंटोर रही। मेरे पिता के पहनावे से लेकर उनके बोलने तक में उनका हाथ होता था। मेरे पिता इंदिरा गांधी के अंधभक्त थे। इंदिरा गांधी ने मेरे पिता के इंग्लिश एक्सेंट (बंगाली) को लेकर आपत्ति जताई थी जीके बाद मेरे पिता ने नए सिरे से अंग्रेजी सीखी।
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