जयपुर, राजस्थान। भाजपा राजस्थान में आरपीएससी के पेपर लीक प्रकरण के बाद से ही फ्रंटफुट में खेल रही हैं। भाजपा पेपर लीक होने के बाद से ही गहलोत सरकार पर हमलवार है और अब बजट सत्र में भी इस मामले को शांत होने नही देना चाहती है। भाजपा राज्य सभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा 4 दिनों से पेपर लीक की जांच और जनता के अन्य मुद्दों को लेकर जयपुर में धरने पर बैठे हुए है तो सदन के अंदर भी भाजपा ने पहले दिन से गहलोत सरकार के मंत्रियों को घेरने में कोई कमी नही छोड़ी है। पेपर लीक के बाद राज्य सरकार ने 2 कमिटी का गठन किया था,जिनमे से एक ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौप दी थी, लेकिन गहलोत सरकार ने अभी तक उस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है। भाजपा अब इस मामले को भी भुनाने की कोशिश करेगी।
करेंगे प्रदेश भर में धरना–प्रदर्शन: राजेंद्र राठौड़
उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि भाजपा इस मामले में गहलोत सरकार का पीछा नहीं छोड़ने वाली है। सदन और सड़क दोनों जगहों पर भाजपा सरकार के खिलाफ और युवाओं के साथ रहेगी।भाजपा पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन करेगी और बजट सत्र के वापिस शुरू होती ही सदन में गहलोत सरकार को घेरेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को सभी सवालों का जवाब देना चाहिए। एक महीने बाद शिक्षक भर्ती परीक्षा होनी है, जिसमे लाखों युवा उज्जवल भविष्य के लिए परीक्षा देंगे। राज्य सरकार को उन्हे भरोसा देना चाहिए।
किरोड़ी लाल मीणा 4 दिन से धरने पर
भाजपा राज्य सभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के धरने का आज चौथा दिन है। किरोड़ी लाल मीणा ने 4 दिन पहले दौसा से विधानसभा के लिए बेरोजगार आक्रोश रैली निकाली थी। वह अभी जयपुर–आगरा हाइवे पर धरना देकर बैठा हुए हैं। किरोड़ी लाल मीणा पेपर लीक के शुरुआत से ही राज्य सरकार पर हमलवार है। पेपर लीक की सीबीआई जांच और दोनो गठित कमिटी की रिपोर्ट को जल्द सार्वजनिक करना आदि मांगो को लेकर किरोड़ी लाल मीणा धरना दे रहे है। जयपुर से दौसा की तरफ कूच करते हुए पुलिस ने उन्हें भरतपुर हाइवे के पास रोका था, जिसके कारण हाइवे पर जाम लगा था। उसके बाद से वह हाइवे पर ही धरना देकर बैठे हुए है।
26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर में उन्होंने धरना स्थल पर ही तिरंगा फहराया था। गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव ने किरोड़ी लाल मीणा से बात की थी। लेकिन वह अभी भी धरना पर हैं। केंद्रीय मंत्री संजीव बलयान, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, विधायक रामलाल शर्मा समेत कई नेताओं ने किरोड़ी लाल मीणा का समर्थन किया है। बेरोजगारी और पेपर लीक पर निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर यह धरना दिया जा रहा है। हालांकि 24 जनवरी को हुए बजट सत्र में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने यह साफ कर दिया था की इस मामले की सीबीआई जांच नहीं होगी। लेकिन किरोड़ी लाल मीणा और भाजपा लगातार गहलोत सरकार के मंत्रियों का पेपर लीक से जुड़े होने का आरोप लगा रही है।
विधानसभा चुनाव तक चलेगा यह मुद्दा
भाजपा इस मामले को छोड़ने के मूड में नहीं है। सीएम गहलोत ने पहले ही अधिकारियों और नेताओ को पेपर लीक कांड को लेकर क्लीन चिट दे दी है,जिसके विरोध में भाजपा अब फ्रंटफुट पर खेल रही हैं। 10 महीने बाद चुनाव है और भाजपा इस मुद्दे आगे बढ़ाकर राज्य सरकार को घेरने का प्लान तैयार कर रही है। वह सदन के अंदर और बाहर दोनों जगहों पर सरकार पर वार करने की फिराक में है। बताया जा रहा है कि भाजपा पेपर लीक के मुद्दे को विधानसभा चुनाव के लिए भुनाना चाह रही हैं।
कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई को भी भुनाएगी भाजपा
कांग्रेस के भीतर भी दिक्कतों का समंदर भरा पड़ा है। एक तरफ सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच आए दिन जुबानी वार किए जा रहे है तो वहीं दूसरी तरफ गुर्जर समाज कांग्रेस से गुस्सा है। हाल ही में सचिन पायलट ने खुद की सरकार पर पेपर लीक के मुद्दे को लेकर अपनी सरकार पर हमला किया था। उन्होंने आरपीएससी भी आरपीएससी के अधिकारियों और नेताओ के इस लीक जुड़े होने की आशंका जताई थी। इस आपसी टकराव का फायदा भाजपा उठाना चाह रही हैं। सचिन पायलट की भाजपा में जाने की खबरे अब आने लगी है। गुर्जर समाज पहले सचिन पायलट को सीएम न बनाए जाने के कारण सीएम गहलोत से गुस्से में था।
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