मंदिर भारतीय संस्कृति और सभ्यता को बढ़ावा देने वाले आस्था के केन्द्र हैं।
मंदिरों से सांस्कृतिक मूल्यों का निर्माण होता है।
पशुपालन और खेती बाड़मेर की रीढ़ हैं।
बाड़मेर, राजस्थान। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने सांस्कृतिक मूल्यों के निर्माण में मंदिरों की अहम भूमिका बताते हुए कहा है कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में मंदिरों से जुड़ी सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए महती प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री शर्मा बुधवार को बाड़मेर के गुढ़ामालानी में आलपुरा स्थित श्री आलमजी मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मंदिर भारतीय संस्कृति और सभ्यता को बढ़ावा देने वाले आस्था के केन्द्र हैं तथा मंदिरों से सांस्कृतिक मूल्यों का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में मंदिरों से जुड़ी सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए महती प्रयास किए जा रहे हैं और इस वर्ष के बजट (लेखानुदान) में गोविन्द देव जी, पूंछरी का लौठा, तेजाजी का मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों के सौन्दर्यीकरण के लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की संस्कृति और सभ्यता को पूरे विश्व में एक अलग पहचान मिली है तथा आस्था केन्द्रों को विकसित करने की दिशा में अभूतपूर्व काम हुआ है। अयोध्या में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा, काशी विश्वनाथ काॅरिडोर, उज्जैन में महाकाल लोक, यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ एवं केदारनाथ को जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण जैसे विकास कार्य देश के सांस्कृतिक स्थलों को पहचान दिलाने के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि पशुपालन और खेती बाड़मेर की रीढ़ हैं। इन दोनों पर आलम जी महाराज की विशेष कृपा है। जब फसल की कटाई होती है, तो किसान सबसे पहले आलम जी महाराज के नाम से माणा भरके निकालते हैं और महाराज का आशीर्वाद उन्हें मिलता है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने श्री आलमजी मंदिर में दर्शन किए एवं श्री विष्णु यज्ञ आयोजन में विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली एवं सुख-समृद्धि की कामना की।
मुख्यमंत्री ने चालकना में श्री चालकनेची माता मंदिर महासम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि चालकनेची माता के पैनोरमा सहित विभिन्न पैनोरमा का निर्माण हमारी पिछली सरकार ने कराया था। ऐसे पैनोरमा हमारी संस्कृति एवं विरासत को संजोए रखते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सीमावर्ती क्षेत्र के विकास के लिए कृृतसंकल्पित है। तनोट माता मंदिर, भादरियाराय माता मंदिर एवं चालकनेची माता मंदिर को शामिल करते हुए धार्मिक पर्यटन सर्किट बनाया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने चालकना गांव में 2.50 करोड़ रुपए की लागत से रात्रि विश्राम गृह के निर्माण की घोषणा की। इससे पहले श्री शर्मा ने चालकनेची माता मंदिर में दर्शन किए एवं पैनोरमा का अनावरण भी किया। श्री शर्मा ने कहा कि श्री मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने पिछले एक दशक में गरीब कल्याण को प्राथमिकता देते हुए हर घर बिजली, हर घर जल पहुंचाने के साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से आवास उपलब्ध कराने सहित अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी गरीब कल्याण के अपने हर संकल्प को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चैधरी, प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य राज्यमंत्री कृष्ण कुमार के.के. विश्नोई, राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत, विधायक अरुण चैधरी, आदूराम मेघवाल, हमीर सिंह, प्रताप पुरी एवं छोटू सिंह तथा संत-महंत एवं बड़ी संख्या में आमजन मौजूद थे।
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