नामांकन वापसी के तीसरे दिन दोनों बड़े दलों के बागी नेताओं ने वापिस लिया नाम
कांग्रेस से हेमंत भाति तो भाजपा से सुरेंद्र सिंह शेखावत ने वपा लिया नामांकन
बारां जिले के होड़ापुरा गांव के लोगों ने किया मतदान का बहिष्कार
राज एक्सप्रेस। राजस्थान में, दाखिल नामांकन को वापस लेने की आखरी तारीख कल थी। 6 नवंबर को नामांकन दाखिल करने की आखरी तारीख के बाद 7-9 नवंबर तक नामांकन वापस लेने की प्रक्रिया की थी। नामांकन वापस की प्रक्रिया के पहले 2 दिन जहाँ 94 प्रत्याशियों ने अपना वापस लिया वहीँ, इसका आखरी दिन रूठे बागी नेताओं के मान जाने के नाम रहा। भाजपा, कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के जिन बागी नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल किया उन्होंने अब उसे वापस ले लिया है। वहीँ, इसी बीच राज्य के बारां जिले के एक गाँव ने 25 नवंबर को होने वाले मतदान का विरोध भी किया है। चलिए जानते दोनों ख़बरों की बारिखियों को।
कल राजस्थान विधानसभा चुनाव में आज नामांकन वापसी का आखिरी दिन था। अंतिम दिन भाजपा और कांग्रेस के बागी नेताओं ने अपना नाम वापस लेने का फैसला किया। यह वह बागी नेता हैं जिन्होंने टिकट न मिलने से नाराज होकर नामांकन दाखिल किया था। अगर भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो झोटवाड़ा से बीजेपी के बागी राजपाल सिंह शेखावत, भरतपुर से गिरधारी तिवारी, सिविल लाइनंस से रणजीत सोडाला, अजमेर उत्तर से सुभाष खंडेलवाला, सुरेंद्र सिंह शेखावत औऱ सुमेरपुर से मदन राठौर ने नामांकन वापस लिया।
वहीँ अगर कांग्रेस की बात करें तो पिपल्दा से सरोज मीणा, अमजेर दक्षिण से सचिन पायलट के समर्थक हेमंत भाटी, मसूदा से ब्रह्मादेव कुमावत, फदोलदी से कुंभ सिंह, सूरतगढ़ से बलराम वर्मा ने वापस नाम वापस ले लिया। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के विधानसभा क्षेत्र टोंक से मोहसिन रशीद ने नाम वापस ले लिया और वह अब सचिन पायलट को समर्थन दे रहे हैं। सबसे ज्यादा चर्चा में रही हवामहल विधानसभा सीट से गिरीश पारीक और पिलानी से अनुराग जोया ने भी अपना नाम वापस ले लिया है।
बहरहाल, भाजपा और कांग्रेस के आलावा बसपा और हनुमान बेनीवाल की आरएलपी पार्टी के रूठे हुए नेताओं ने अपना नाम वापिस लिया है। राजाखेड़ा से बसपा प्रत्याशी धर्मपाल सिंह और हवामहल से तरुषा पाराशर ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। वहीं, बीकानेर पश्चिम से आरएलपी उम्मीदवार अब्दुल मजीद खोखर ने अपना नामांकन वापस लेकर कांग्रेस प्रत्याशी बीडी कल्ला को समर्थन देने का फैसला किया है।
बारां जिले के होड़ापुरा गांव लोगों ने चुनाव को लेकर एक बहुत बड़ा कदम उठाया है। बताया जा रहा है कि गाँव में मूलभूत सुविधाओं से वचित लोगों ने 25 नवंबर को होने वाले मतदान का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। सभी ग्रामीणों ने नदी पर एकत्र होकर पुल नहीं तो वोट नहीं की के नारे के साथ मतदान का बहिष्कार करने की घोषणा की। इस गाँव में करीब 500 से अधिक मतदाता है। यह फैसला का लेने का कारण है गाँव को मध्यप्रदेश को जोड़ने वाले पुल एवं सड़क को पक्का किया जाए।
ग्रामीणों ने सभी नेताओं पर आरोप लगते हुए कहा कि नेता, चुनावी समय में गांव में आकर झूठा वादा करके चले जाते हैं और चुनाव के बाद उन्हें भूल जाते है। ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के समय में कच्चा पुल होने कारन काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लोग मध्यप्रदेश जाकर अपने जरूरी काम करते हैं जिससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।