जयपुर, राजस्थान। अब राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों को प्रदेश के पर्यटन से जोड़ने का काम पूरा हो गया है। राजस्थान सरकार ने राज्य के बजट सत्र में "राजस्थान पर्यटन योजना" ऐलान किया था, वह अब 5 दिसंबर को प्रदेश के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में अब लागू कर दी गई है। बताया जा रहा है की इस योजना से प्रदेश के ग्रामीण संस्कृति को बढ़ावा एवं संरक्षण मिलेगा और स्थानीय लोगो रोजगार के अवसर भी राज्य सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा प्रदान कराए जायेंगे।योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन इकाइयां स्थापित की जाएंगी जिससे स्थानीय लोक कला और हस्तशिल्प को संरक्षण और बढ़ावा मिलेगा।
राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में गेस्ट हाउस को पंजीकृत किया गया है,जिसमे 6 से 10 कमरे होंगे। इस गेस्ट हाउस में पर्यटकों के लिए खाने की सुविधा भी होगी,कृषि भूमि पर अनुमोदित पर्यटन इकाई 2000 वर्गमीटर से 2 हेक्टेयर पर स्थापित होगी। इस भूमि के 90% हिस्से में कृषि और बागवानी कार्य,ऊट फार्म,घोड़ा फार्म,पक्षी एवम पशुधन आदि गतिविधियों को पर्यटकों के लिए ग्रामीण परिवेश उपलब्ध करवाया जाएगा, कैंपिंग के लिए 1000 वर्गमीटर से 1 हेक्टेयर तक साइट जिसमे 10% हिस्से में टेंट में अस्थाई आवास की व्यवस्था होगी, कैरावन पार्क के लिए भी 1000 वर्गमीटर से लेकर 1 हेक्टेयर तक की जमीन पर स्थापित होगा जिसमे वहां पार्क किए जाने की सुविधा दी जाएगी और आखरी में होम स्टे स्कीम को ग्रामीण क्षेत्रों से जोड़ा जाएगा जिसके तहत आवास मलोको द्वारा पर्यटकों को 5 कमरों तक का आवास सुविधा उपलब्ध होगी।
ग्रामीण पर्यटन यूनिट्स के काफी देय लाभ भी मिलेंगे जैसे की स्टांप ड्यूटी पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी, लेकिन आरंभ में 25% स्टांप ड्यूटी देय होगी, देय एवं जमा SGST का 10 वर्षो तक 100% रिचार्ज किया जाएगा, वन विभाग के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन का प्रोत्साहन राज्य की इकोटोरिज्म पॉलिसी 2021 द्वारा दिया जाएगा और स्थानीय लोक कलाकारों और हस्थशिल्पो तथा ग्रामीण स्टार्टअप को अनुमोदन और देय लाभों में प्राथमिकता दी जाएगी। ग्रामीण पर्यटन इकाई के लिए 15 फीट चौड़ी होना आवश्यक होगा।
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