हाइलाइट्स :
सुनिश्चित हो कि महिलाएं निडर होकर 'कभी भी और कहीं भी' काम कर सकें।
पुलिस थाना स्तर पर भी सोशल मीडिया का उपयोग किया जाना चाहिए।
नागरिक-पुलिस संपर्क को मजबूत करने के तरीके पर गंभीरता से काम हो ।
जयपुर, राजस्थान। पुलिस को अब 'डंडा' के साथ काम करने के बजाय 'डेटा' के साथ काम करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात रविवार को 58वें पुलिस महानिदेशक एवं महानिरीक्षक सम्मेलन जयपुर में कही । प्रधानमंत्री ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों को आपराधिक न्याय प्रणाली में एक आदर्श बदलाव बताते हुए कहा कि ये कानून'नागरिक पहले, गरिमा पहले और न्याय पहले'की भावना के साथ बनाए गए हैं ।
उन्होंने कहा कि वैश्विक प्रोफ़ाइल में सुधार और देश की बढ़ती राष्ट्रीय ताकत के अनुरूप भारतीय पुलिस को वर्ष 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए एक आधुनिक और विश्व स्तरीय पुलिस बल में बदलना चाहिए। उन्होंने पुलिस प्रमुखों से नए कानूनों के पीछे की भावना को समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंचाने के लिए कल्पनाशील ढंग से सोचने का आ्रवान किया। उन्होंने महिलाओं को उनके अधिकारों और नए कानूनों के तहत उन्हें प्रदान की गई सुरक्षा के बारे में जागरूक करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने पुलिस से महिला सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का आ्रवान किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिलाएं निडर होकर 'कभी भी और कहीं भी' काम कर सकें।
पुलिस की सकारात्मक छवि को सुदृढ़ करने की आवश्यकता :
पीएम मोदी ने नागरिकों के बीच पुलिस की सकारात्मक छवि को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल देत हुए कहा कि नागरिकों के लिए सकारात्मक जानकारी और संदेश प्रसारित करने के लिए पुलिस स्टेशन स्तर पर सोशल मीडिया का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं और आपदा राहत पर अग्रिम जानकारी प्रसारित करने के लिए भी सोशल मीडिया का उपयोग करने का सुझाव दिया। उन्होंने नागरिक-पुलिस संपर्क को मजबूत करने के तरीके के रूप में विभिन्न खेल कार्यक्रम आयोजित करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने अधिकारियों से स्थानीय लोगों के साथ बेहतर संपर्क स्थापित करने के लिए सीमावर्ती गांवों में रुकने का भी आग्रह किया क्योंकि ये सीमावर्ती गांव भारत के'पहले गांव'थे।
भारत दुनिया में एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभर रहा :
भारत के पहले सौर मिशन-आदित्य-एल1 की सफलता और भारतीय नौसेना द्वारा अरब सागर में अपहृत जहाज से चालक दल के सदस्यों को तेजी से बचाने का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये उपलब्धियां दर्शाती हैं कि भारत दुनिया में एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि आदित्य-एल1 की सफलता चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के समान है। उन्होंने भारतीय नौसेना के सफल ऑपरेशन पर भी गर्व जताया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने विशिष्ट सेवाओं के लिए पुलिस पदक भी वितरित किए। सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, गृह राज्य मंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, राज्यों,केंद्रशासित प्रदेशों के महानिदेशक एवं महानिरीक्षक और केंद्रीय पुलिस संगठनों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के प्रमुखों आदि ने भाग लिया।
सम्मेलन में 500 से अधिक पुलिस अधिकारी हुए शामिल:
पिछले वर्षों की तरह सम्मेलन हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया जिसमें देश भर के विभिन्न स्थानों से विभिन्न रैंकों के 500 से अधिक पुलिस अधिकारी शामिल हुए। सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण घटकों पर विचार-विमर्श किया गया, जिसमें नए अधिनियमित प्रमुख आपराधिक कानून, आतंकवाद विरोधी रणनीतियां , वामपंथी उग्रवाद, उभरते साइबर खतरे, दुनिया भर में कट्टरवाद विरोधी पहल आदि शामिल हैं।
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