उदयपुर, राजस्थान। कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर बहुत बड़ी अपडेट सामने निकल कर आई है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करते हुए बताया है कि, 28 जून को हुई दर्जी कन्हैयालाल की हत्या के आरोप में जो 11 आरोपी पकड़े गए थे, उसमें दो पाकिस्तानी भगोड़े थे, जिनका संबंध आतंकवाद से बताया जा रहा हैं। एनआईए ने इस घटना को भी आतंकवाद की ही श्रेणी में रख दिया है, जो कि देश के अंदर और बाहर से आए वीडियो से प्रेरित बताया हैं।
क्या है एनआईए की चार्जशीट में?
एनआईए ने ये भी बताया कि, जांच में पता चला है की आरोपी कन्हैयालाल से बदला लेने के लिए आतंकी गिरोह की तरह काम कर रहे थे और उन लोगों ने हत्या का वीडियो प्रदेश और देश में धार्मिक टकराव की स्थिती पैदा करने के लिए बनाया था और सोशल मीडिया में पोस्ट किया था। जयपुर की स्पेशल कोर्ट में एनआईए ने आरोपियों पर UAPA जैसे विभिन्न आतंकी और आर्म्स एक्ट की धाराओं के साथ चार्जशीट दाखिल की है। आरोपियों का संबंध कराची के सलमान और अबू इब्राहिम से भी हैं और इन दोनो का नाम भी चार्जशीट में हैं। हत्या के आरोपियों के अलावा मोहसिन खान, आसिफ हुसैन, मोहम्मद मोहसिन, वसीम अली, फरहाद शेख, मोहम्मद जावेद और मुस्लिम खान का भी नाम चार्जशीट में शामिल किया गया है। एनआईए के बताया कि, हत्या से पहले आरोपियों ने कन्हैयालाल की दुकान और कन्हैयालाल की रैकी भी की थी।
क्या है कन्हैयालाल हत्याकांड :
28 जून उदयपुर में दर्जी की दुकान चलाने वाले कन्हैयालाल की दो लोगो ने चाकू से गला रेत कर उनकी हत्या कर दी थी और उसके बाद हत्या करते समय के वीडियो के साथ दोनो ने चाकू दिखाते हुए और भी लोगो को धमकियां देते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किया था। दोनोंं हत्यारों ने कन्हैयालाल को इसीलिए मारा था, क्योंकि कन्हैयालाल ने सोशल मीडिया पर भाजपा की नूपुर शर्मा का समर्थन किया था। नूपुर शर्मा ने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम के दौरान पैगंबर मोहम्मद के ऊपर अभद्र टिप्पणी की थी, जिससे देश में उसके खिलाफ मुस्लिम समुदाय के लोगो ने विद्रोह प्रदर्शन किया था।
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