हाइलाइट्स
Sudha Murthy ने कहा, बच्चा बनकर बच्चों के लिए लिखना आसान।
लोगों को कहानियां बताना चाहती हूँ इसलिए मैं लिखती हूँ।
Sudha Murthy in Jaipur Literature Festival : जयपुर, राजस्थान। मैं बहुत अधिक खुश होने पर और दुखी होने पर किताब नहीं लिखती। मैं लोगों को कहानियां बताना चाहती हूँ इसलिए मैं लिखती हूँ। मुझे लोगों को जानना बहुत अच्छा लगता है मेरा मानना है कि, एक व्यक्ति सिर्फ व्यक्ति नहीं हैं, वो एक पूरी की पूरी किताब है उसमें सभी रस है, बीएस शर्त यह है कि, आप उसे पहचान जाए। यह बात राजस्थान के जयपुर में आयोजित जयपुर साहित्य महोत्सव में इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष और लेखिका Sudha Murthy ने रविवार को चौथे सेशन को सम्बोधित करते हुए कही है।
Sudha Murthy ने JLF 2024 में चौथे सेशन को सम्बोधित करते हुए आगे कहा कि, मैं शादियों में जाती हूँ तो आस-पास देखती हूँ कि, कोई लड़का एक लड़की को कैसे देखता है, लड़की कैसे शर्माती हैं सब कुछ। मेरी किताबों में आप जो भी पढ़ोंगे सब सच है, सिर्फ एक को छोड़कर जिसमें नारायण मूर्ति से मुलाकात का किस्सा है। उन्होंने आगे कहा कि, मैं बच्चों की किताब जब लिखती हूँ तो खुद भी बच्ची बन जाती हूँ, उनकी पसंद उनके प्रश्न। मुझे लगता बच्चा बनकर बच्चों के लिए लिखना ज्यादा आसान हो जाता है। बच्चों को समझदारी नहीं चाहिए होती।
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