राजस्थान, भारत। भारतीय वायुसेना के मिग-21 विमान ने आज सुबह सूरतगढ़ से नियमित प्रशिक्षण उड़ान भरी। यह विमान जब राजस्थान में हनुमानगढ़ जिले के बहलोलनगर के ऊपर पहुंचा, उसी समय अचानक दुर्घटनाग्रस्त होकर रिहायशी इलाके में एक घर पर जा गिरा। इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई है। बताया जाता है कि दोनों पायलट पूरी तरह से सुरक्षित हैं। हादसे के समय वे खुद को विमान से इजेक्ट करने में सफल रहे। घटना के बाद वहां बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ एकत्र हो गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने रेस्क्यू और बचाव अभियान शुरू किया।
हनुमानगढ़ पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि हादसे का शिकार होने वाले विमान ने सूरतगढ़ से उड़ान भरी थी। यह बहलोलनगर में क्रैश हो गया। विमान दुर्घटनाग्रस्त होकर एक घर पर गिरा। इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई है। हादसे का शिकार हुई दो महिलाओं की मौत घटनास्थल पर ही हो गई, दो ने बाद में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। उधर, इस हादसे की सूचना के बाद बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पर एकत्र हो गए हैं। एयरफोर्स ने बताया कि वायुसेना के मिग-21 ने आज सुबह नियमित प्रशिक्षण उड़ान भरी थी। तभी यह विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।
हादसे के बाद वहां अफरा-तफरी मच गई। दोनों पायलट खुद को समय पर सुरक्षित बाहर निकालने में सफल रहे। हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए भारतीय वायुसेना जांच शुरू कर दी गई है। बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल की तरफ भागे और देखते ही देखते वहां अच्छी खासी भीड़ एकत्र हो गई। इसी बीच पीलीबंगा पुलिस और वायुसेना का हेलिकॉप्टर भी मदद के लिए मौके पर पहुंच गया। गांव के लोगों ने तत्काल पैराशूट की सहायता से उतरे पायलटों को छांव में लिटाया और उनकी मालिश की। वहीं, कुछ लोग जिस घर पर विमान गिरा था उसमें लगी आग को बुझाने में जुट गए। हादसे की जानकारी मिलते ही फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई।
हनुमानगढ़ में क्रेश हुए मिग-21 विमान को पायलट राहुल अरोड़ा उड़ा रहे थे। उनकी सूझबूझ के चलते बड़ा हादसा होने से टल गया। जिस समय हादसा हुआ उस समय विमान घनी आबादी के ऊपर उड़ रहा था। वह किसी तरह विमान को घनी आबादी वाले इलाके से दूर लेकर पहुंचे, जिस मकान पर विमान गिरा वह रिहायशी इलाके में सबसे आखिर में बना था । हादसे के प्रत्यक्षदर्शी हरीश और अन्य लोगों ने बताया कि भारतीय वायुसेना के पायलट द्वारा सूझबूझ से काम लेते हुए विमान को गांव के बाहर की तरफ लाया गया। अगर विमान घनी आबादी वाले इलाके में गिरता तो मरने वाले वालों की संख्या और हो सकती थी।
घटनास्थल पर मौजूद एएसआई लालचंद ने बताया कि हादसे की खबर सुनकर घटनास्थल पर पहुंचे वायुसेना के विमान एमआई-17 से दोनों पायलटों को एयरलिफ्ट किया गया है। मिग-21 जिस घर की छत पर जाकर गिरा था, वहां तीन महिलाएं और एक आदमी मौजूद था। बताया जाता है हादसे में दो लोग घटनास्थल पर ही मारे गए, जबकि दो ने उपयार के दौरान दम तोड़ा। हादसे का शिकार होकर मौत का शिकार होने वालों में तीन महिलाएं हैं, जबकि एक पुरुष है। सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने हनुमानगढ़ मिग-21 क्रैश को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। राठौर ने कहा कि फाइटर पायलट को युद्ध की तैयारी के लिए विमान को अलग-अलग तरीके और कई प्रकार की ट्रेनिंग निरंतर करते रहनी पड़ती है, जो कि आसान नहीं होता है। इस हादसे में जो जनहानि हुई है वह बहुत दुखद है। उन्होंने हादसे में मौत का शिकार रुए लोगों के प्रति संवेदना जताई है।
मिग-21 क्रैश होने की आज की घटना ने एक बार फिर सोवियत मूल के मिग-21 विमानों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारतीय वायुसेना के बेड़े में मिग-21 विमान 1960 के दशक की शुरुआत में शामिल हुए थे और 2022 तक मिग-21 विमान से करीब 200 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। मिग-21 लंबे समय तक भारतीय वायुसेना का मुख्य आधार रहा है। हालांकि, विमान का सुरक्षा रिकॉर्ड बहुत खराब है। पिछले साल मार्च में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में बताया था कि पिछले पांच वर्षों में तीन सेवाओं के विमान और हेलिकॉप्टरों की दुर्घटनाओं में 42 रक्षा कर्मियों की मौत हुई है। पिछले पांच सालों में कुल 45 हवाई दुर्घटनाएं हुईं।
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