कोटा। राजस्थान में कोचिंग सिटी कहे जाने वाले कोटा में जिला प्रशासन ने राज्य सरकार की गाइडलाइन का अनुपालन नहीं करने वाले हॉस्टलों को सीज करने की चेतावनी दी है। जिला प्रशासन की ओर से गुरूवार को कहा गया है कि हॉस्टल संचालकों को हर हाल में कोचिंग छात्रों के बारें में राज्य सरकार की तैयार गाइड़लाइन का पालन करना ही होगा। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें सख्त कार्यवाही का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। हालांकि पूर्व में भी जिला प्रशासन होटल संचालको यहां तक की कोचिंग प्रबंधकों को भी राज्य सरकार की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने के दिशा निर्देश समय-समय पर बैठकें कर देते रहे हैं।
कोटा में कोचिंग छात्रों में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति और कई मामलों में हॉस्टल संचालकों की अनदेखी सामने आने और तय नियमों का पालना नहीं करने की सूचनाओं को देखते हुए प्रशासन ने एक बार फिर यह सख्ती बरतने का फैसला किया है। कोचिंग विद्यार्थियों के लिए संचालित हॉस्टलों के लिये बनाई गई गाइडलाइन एवं विद्यार्थियों द्वारा जिला प्रशासन के बनाए गए ऑनलाईन पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा बैठक में गुरूवार को जिला कलक्टर ओपी बुनकर ने कहा कि कोचिंग विद्यार्थियों के लिए संचालित हॉस्टलों में गाइडलाइन का पालन अनिवार्य रूप से करें, विद्यार्थियों को हॉस्टल छोड़ने के समय धरोहर राशि समय पर रिफंड की जाए।
श्री बुनकर ने कहा कि हॉस्टलों में अनियमितता पाए जाने पर सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। किसी भी विद्यार्थी के साथ अनियमितता अथवा परेशानी के समय प्रशासन हॉस्टल संचालक के खिलाफ कार्यवाही करेगा। सभी हॉस्टलों में गाइडलाइन की पालना से संबंधित शिकायत प्राप्त होने पर अधिकारी मौके पर जाकर जांच करें। ऐसे हॉस्टलों के खिलाफ सीज की कार्यवाही भी की जाएगी। जो विद्यार्थी परीक्षा देकर घर जाना चाहते हैं, उनकी धरोहर राशि समय पर रिफंड की जाए। प्रत्येक हॉस्टल एसोसिएशन काउंसलर की व्यवस्था रखें जिससे तनाव के समय विद्यार्थी की पहचान की जा सके।
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