जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा की है कि अब वर्ष में छह की जगह नौ महीने गौशालाओं को सरकारी अनुदान मिलेगा जिससे गौशालाओं को संबल प्राप्त होगा। श्री गहलोत आज सांगानेर स्थित पिंजरापोल गौशाला में राजस्थान गौ सेवा समिति की ओर से आयोजित गौ रक्षा संत हुंकार सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 1.56 करोड़ रूपये के अनुदान से प्रत्येक ब्लॉक में नन्दी शालाएं खोली जा रही हैं, जिससे बेसहारा गौवंश को आश्रय मिलेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एक करोड़ रूपये के अनुदान से सभी ग्राम पंचायतों में सामाजिक संगठनों के सहयोग से गौशालाएं खोलने जा रही है। गौवंश का संवर्धन करने और गौशालाएं खोलने में आने वाली सभी प्रकार की प्रशासनिक अड़चनों को दूर करने व गौचर भमि का संरक्षण करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री पशुधन निःशुल्क दवा योजना के अन्तर्गत सरकार पशुओं के लिए भी दवाईयां मुफ्त उपलब्ध करवा रही है, जिससे उनके उपचार में सुविधा हो। उन्होंने कहा कि गौसेवक घर-परिवार छोड़कर निःस्वार्थ भावना से गौसेवा में लगे रहते है। अत: उनकी भावना का सम्मान करना सरकार का कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय का स्थान महत्वपूर्ण है। गाय के प्रति भगवान श्री कृष्ण व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचार सर्वविदित है। गौ सेवा करने वालों को पूरे समाज में सम्मान मिलता है। उन्होंने कहा कि गौ सेवा से जुड़ा व्यक्ति हमेशा सच्चाई और अहिंसा के रास्ते पर चलता है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने गौशाला में गौवंश को गुड़ खिलाकर गौ पूजन किया।
श्री गहलोत ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शिक्षाएं वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अत्यन्त प्रासंगिक है। गांधीजी ने कहा था कि आंख के बदले आंख की नीति पर चलने से सारे संसार के अंधे होने का खतरा है। किसी भी वर्ग द्वारा हिंसा बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए और हिंसक तत्वों का बहिष्कार करना चाहिए।
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