जयपुर,राजस्थान। राजस्थान में बिजली का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रामीण इलाकों में पहले से ही 2 से 3 घंटो की कटौती की जा रही है और अब मंगलवार को जयपुर, जोधपुर,अजमेर, भरतपुर, बीकानेर, कोटा और उदयपुर के अलावा हर शहरों में सुबह 6 से 8:30 बजे तक दो से ढाई घंटे की कटौती की जाएगी।। अभी के लिए यह व्यवस्था सिर्फ दो दिन के लिए रहेगी, लेकिन ग्रामीण इलाकों में लगातार कटौती की जा रही है। राजस्थान में पिछले 1 साल से बिजली का संकट मंडरा रहा है।
इस वजह से ठप हुआ उत्पादन :
रबी फसल के सीजन में बिजली की जरूरत 16000 मेगावॉट को पार कर गई, जिसके बीच विद्युत उत्पादन निगम के 5 बिजलीघर ठप हो गए। इससे बिजली डिमांड और सप्लाई में करीब 2000 मेगावॉट का अंतर आ गया, जिसके बाद विद्युत उत्पादन निगम के सारे पुराने दावे भी ठप पड़ गए। ऊर्जा विकास निगम द्वारा बिजली की मांग को लेकर लापरवाही दिखाई, जिसके कारण आम जनता को दिक्कतें उठानी पड़ रही है। पहले से पता होने के बावजूद रबी सीजन में बिजली की डिमांड बढ़ जाती है, उस पर सही तरीके से एक्शन नहीं लिया गया था। विद्युत उत्पादन निगम के मुख्य अभियंता मुकेश बंसल हैं। विद्युत उत्पादन निगम की 5 यूनिट बने पड़ी हुई है, जिसमें से 4 सूरतगढ़ में हैं।
1 साल से भी ज्यादा समय हो गया है बिजली संकट को
राजस्थान पहले से ही काफी बिजली संकट से जूझ रहा है। 2 दिन पहले ही राजस्थान को उच्चतम न्यायालय से छत्तीसगढ़ में स्तिथ राजस्थान की परसा खदानों में उत्पादन करने की अनुमति मिली थी। राजस्थान में बिजली संकट को दूर करने के लिए ये परसा परियोजनाओं का चालू होना बहुत जरूरी था। इसके लिए RRVUNL के अध्यक्ष छत्तीसगढ़ के दौरे पर भी गए थे, जिसके बाद उन्हें कुछ खास हासिल नहीं हुआ था। छत्तीसगढ़ के हसदेव वन क्षेत्र में परसा खदाने स्थित है, जिसको लेकर स्थानीय लोग द्वारा प्रदर्शन भी किए गए हैं।
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