डूंगरपुर, राजस्थान। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश का चहुंमुखी विकास राज्य सरकार का ध्येय बताते हुए कहा है कि आमजन को महंगाई की मार से राहत देने के लिए महंगाई राहत शिविर लगाने, कानून बनाकर स्वास्थ्य का अधिकार देने, अलग कृषि बजट प्रस्तुत करने, पुरानी पेंशन योजना लागू करने जैसे निर्णय लेने वाला राजस्थान अग्रणी राज्य है। अशोक गहलोत सोमवार को डूंगरपुर के थाणा गांव में आयोजित महंगाई राहत कैम्प के अवलोकन के बाद आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य में वंचित वर्गों के उत्थान को केन्द्र में रखकर बनाई गई योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। अशोक गहलोत ने कहा कि जनसभा में महिलाओं की पुरूषों से अधिक उपस्थिति समाज में आ रहे बदलाव को इंगित करती है। राज्य सरकार की योजनाओं में महिलाओं को परिवार का मुखिया बनाया गया है। उन्होंने कहा कि वागड़ क्षेत्र का समृद्ध इतिहास है। इस क्षेत्र ने देश को महान स्वतंत्रता सेनानी एवं जननेता दिए हैं। गोविंद गुरू के नेतृत्व में अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध किए गए जन आंदोलन के शहीदों की स्मृति में स्मारक का निर्माण करवाया जा रहा है। पवित्र बेणेश्वर धाम के विकास के लिए 100 करोड़ रुपए एवं धाम तक पहुंचने के लिए पुल के निर्माण हेतु 130 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वंचित वर्गों के कल्याण के लिए राज्य सरकार समर्पित होकर कार्य कर रही है। क्षेत्र के किसानों को अच्छी किस्म के व ज्यादा उपज देने वाले बीजों का नि:शुल्क वितरण किया जा रहा है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास कोष का बजट बढ़ाकर 500-500 करोड़ रुपए कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सभी विभागों में अनुसूचित जाति-जनजाति हेतु आवंटित किए गए बजट का शत प्रतिशत उपयोग करने का प्रावधान किया गया है। आदिवासी क्षेत्रों में सूक्ष्म सिंचाई के लिए 30 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान दिया जा रहा है। आदिवासी बहुल क्षेत्र में सामुदायिक वनाधिकार विकास योजना के तहत विभिन्न विकास एवं प्रशिक्षण कार्य किए जा रहे हैं।
अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेशभर में आयोजित किए जा रहे महंगाई राहत कैम्पों से आमजन को राहत मिल रही हैं। इन कैम्पों में महंगाई से तत्काल राहत देने वाली 10 योजनाओं का लाभ जनता को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि महंगाई राहत कैम्पों द्वारा घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट व किसानों को 2000 यूनिट तक नि:शुल्क बिजली, 500 रुपए में गैस सिलेण्डर, न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए, कामधेनु पशु बीमा योजना के अंतर्गत 2 दुधारू पशुओं का बीमा जैसी योजनाओं से लोगों को जोड़कर राहत दी जा रही है। उन्होंने कहा कि लम्पी रोग से मृत गायों के लिए प्रति पशु 40 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है। हाल ही में पशुपालकों के खातों में 175 करोड़ की मुआवजा राशि डीबीटी की गई है। अब तक इन शिविरों से 1.7 करोड़ परिवार जुड़ चुके हैं एवं 7 करोड़ से अधिक गारंटी कार्ड जारी किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती केन्द्र सरकार द्वारा कानून बनाकर आमजन को शिक्षा, सूचना, खाद्य सुरक्षा एवं रोजगार के अधिकार दिए गए। राज्य सरकार द्वारा अपनी नीतियों से इन अधिकारों को और मजबूत किया जा रहा है। राज्य में एक करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। वर्तमान केन्द्र सरकार को कानून बनाकर आमजन को सामाजिक सुरक्षा देनी चाहिए ताकि वे सम्मान पूर्वक जीवन यापन कर सकें।
अशोक गहलोत ने क्षेत्रवासियों की मांग एवं क्षेत्र के चहुंमुखी विकास की ²ष्टि से यहां की पालदेवल तथा गामड़ी अहाड़ा को पंचायत समिति बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पंचायत समिति में क्रमोन्नत होने तथा प्रशासनिक ढ़ाचा मजबूत होने से यहां विकास को गति मिलेगी तथा लोगों के आवश्यक प्रशासनिक कार्य भी नजदीक ही हो सकेंगे।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने राहत शिविरों के लाभार्थियों से संवाद किया एवं अधिकारियों से फीडबैक लिया। साथ ही उन्होंने राजीविका के स्वयं सहायता समूहों को चेक वितरित किए। वहां उपस्थित कार्मिकों के प्रतिनिधिमंडल ने पुरानी पेंशन योजना के लिए अशोक गहलोत का आभार जताया।
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