रकबर खान मॉब लिंचिंग मामले में 4 आरोपियों को 7-7 साल की सजा Raj Express
राजस्थान

रकबर खान मॉब लिंचिंग मामले में 4 आरोपियों को 7-7 साल की सजा, जानिए क्या था पूरा मामला?

कोर्ट के आदेश से पीड़ित परिवार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोनों ही नाखुश हैं। अशोक गहलोत ने जहां इस आदेश का रिव्यू करने की बात कही है, वहीं पीड़ित परिवार ने इसे अधूरा इंसाफ करार दिया है।

Vishwabandhu Pandey

राज एक्सप्रेस। राजस्थान में हुआ रकबर खान मॉब लिंचिंग मामला एक बार फिर से सुर्ख़ियों में आ गया है। पिछले दिनों अलवर कोर्ट ने इस मामले में चार आरोपियों को सात-सात साल की सजा सुनाई। वहीं एक आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। हालांकि कोर्ट के आदेश से पीड़ित परिवार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोनों ही नाखुश हैं। अशोक गहलोत ने जहां इस आदेश का रिव्यू करने की बात कही है, वहीं पीड़ित परिवार ने इसे अधूरा इंसाफ करार दिया है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर रकबर खान मॉब लिचिंग मामला क्या है और कोर्ट के फैसले को लेकर सरकार और पीड़ित परिवार को क्या आपत्ति है?

क्या है पूरा मामला?

दरअसल यह मामला 20 जुलाई 2018 का है। रकबर खान और उसका दोस्त असलम गायों को खरीदकर उन्हें अपने गाँव ले जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में कुछ लोगों ने गो-तस्करी के शक में उन पर हमला कर दिया। असलम तो जैसे-तैसे वहां से भाग निकला लेकिन रकबर को लोगों ने बुरी तरह से पिटा। इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर रकबर को हिरासत में लेकर जेल में डाल दिया। कुछ देर बाद रकबर की तबियत ख़राब हुई तो उसे अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि भीड़ की पिटाई के चलते उसकी मौत हुई।

7-7 साल की सजा

पुलिस ने इस मामले में नरेश शर्मा, विजय कुमार, धर्मेंद्र यादव और परमजीत सिंह को आरोपी बनाया। बाद में विश्व हिंदू परिषद के नेता नवल किशोर शर्मा को भी गिरफ्तार करके आरोपी बनाया गया। अब इस मामले में कोर्ट ने नरेश शर्मा, विजय कुमार, धर्मेंद्र यादव और परमजीत सिंह को 7-7 साल की सजा सुनाई जबकि नवल किशोर शर्मा को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।

क्या है आपत्ति?

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फैसले पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा है कि, ‘आखिर किन परिस्थितियों में आरोपियों को इतनी कम सजा सुनाई गई, इसका अध्ययन किया जाएगा।’ वहीं रकबर खान की पत्नी असमीना का कहना है कि इस पूरे मामले के मुख्य आरोपी को कोर्ट ने रिहा कर दिया जबकि बाकि लोगों को भी बहुत कम सजा सुनाई गई। अभी इस मामले में इंसाफ नहीं हुआ।

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