गुजरात, भारत। मोदी सरनेम मानहानि केस में दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर गुजरात हाई कोर्ट में आज मंगलवार को सुनवाई की, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अंतरिम राहत देने से इनकार कर बड़ा झटका दिया है।
कोर्ट ने याचिका पर अपने आदेश को सुरक्षित रखा :
इस दौरान गुजरात हाई कोर्ट ने मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की राहुल गांधी की याचिका पर अपने आदेश को सुरक्षित रखा है। अब इसपर फैसला छुट्टियों के बाद आएगा, जस्टिस हेमंत प्रच्छक इस केस में फैसला सुनाएंगे। इस दौरान जस्टिस हेमंत प्रच्छक ने राहुल गांधी को कोई अंतरिम संरक्षण देने से इनकार कर कहा कि, छुट्टी से आने के बाद फैसला सुनाया जाएगा। मामले की अंतिम सुनवाई पूरी होने के बाद ही अंतिम फैसला देना उचित होगा। सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लेंगे, छुट्टी के दौरान कोर्ट फैसला लिखेगी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट में जस्टिस हेमंत एम. प्रच्छक की पीठ के समक्ष शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता निरुपम नानावटी पेश हुए और कहा कि, अपराधों की गंभीरता, सजा इस स्तर पर नहीं देखी जानी चाहिए। उनकी (राहुल गांधी) अयोग्यता कानून के तहत हुई है। तो वहीं, जज की ओर से एक आदेश पारित कर ट्रायल कोर्ट को उनके सामने मूल रिकॉर्ड और मामले की कार्यवाही पेश करने का निर्देश दिया गया है। इतना ही नहीं कोर्ट में शिकायतकर्ता के वकील की ओर से यह भी कहा गया है कि, उन्होंने (राहुल गांधी) कहा कि वह सजा, जेल से डरने वाले नहीं हैं और वह जीवन भर के लिए अयोग्य ठहराए जाने पर भी पीछे नहीं हटने वाले हैं। यह उनका सार्वजनिक स्टैंड है, लेकिन यहां कोर्ट के सामने उनका स्टैंड अलग है। अगर आपका यही स्टैंड है तो यहां कोर्ट में याचिका के साथ न आएं। उन्हें रोते हुए बच्चे के जैसे नहीं होना चाहिए, या तो सार्वजनिक रूप से किए गए अपने स्टैंड पर टिके रहें या कहें कि आपकी मंशा कुछ और थी।
बता दें कि, मोदी सरनेम मामले में दायर किए गए आपराधिक मानहानि के एक मामले में सूरत जिले की कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई, इसके बाद संसद की सदस्यता से उनहें अयोग्य किया गया था।
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