जी-7 की बैठक में पीएम मोदी Raj Express
भारत

हिंद-प्रशांत में शांति, स्थिरता और समृद्धि की राह खोलेगा क्वाड, खत्म होंगी समस्याएं ः नरेंद्र मोदी

पीएम मोदी ने कहा क्वाड समिट में हिस्सा लेते हुए मुझे खुशी हो रही है। क्वाड समूह हिंद-प्रशांत में शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।

Aniruddh pratap singh

राज एक्स्प्रेस। जी 7 देशों के समिट हिस्सा लेने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हिरोशिमा में क्वाड देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की। पीएम मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बइडन (Joe Biden), ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीस (Anthony Albanese) और जापानी पीएम फुमियो किशिदा (Fumio Kishida) के बीच क्वाड मीटिंग (Quad Meeting) में पीएम मोदी ने कहा कि क्वाड समूह हिंद-प्रशांत में शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। उन्होंने कहा कि यह मंच वैश्विक भलाई, लोगों के कल्याण, समृद्धि और शांति के लिए प्रयास करना जारी रखेगा।

हिरोशिमा में हो रही जी-7 की बैठक में एक बार फिर पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच मजूबत रिश्तों की झलक मिली। इस समिट में हिस्सा लेने आए जो बाइडेन अपनी सीट पर जाने की बजाय आगे बढ़कर पीएम मोदी के पास जा पहुंचे और उन्हें आत्मीयता से गले लगाया।

समृद्धि की राह सुनिश्चित करेगा क्वाड

पीएम मोदी ने कहा कि क्वाड समूह हिंद-प्रशांत में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण मंच है। पीएम मोदी ने कहा क्वाड समिट में हिस्सा लेते हुए मुझे खुशी हो रही है। क्वाड समूह हिंद-प्रशांत में शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह अगले दिनों में व्यापार, इनोवेशन और विकास का इंजन साबित होगा। उन्होंने कहा कि चार देशों द्वारा शुरू की गई यह पहल भविष्य में अनेक संभावनाओं का रास्ता खोलेगी।

जेलेंस्की से मिले पीएम मोदी, दिया आश्वासन-हम रूस यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए हर संभव उपाय केरेंगे रूसी आक्रमण के बाद से पहली व्यक्तिगत मुलाकात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जापान के हिरोशिमा में जी 7 शिखर सम्मेलन के मौके पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की को आश्वासन दिया कि भारत इस युद्ध के समाधान के लिए जो कुछ भी कर सकता है, वह करेगा। यूक्रेन में युद्ध दुनिया भर में एक बड़ा मुद्दा है। मैं इसे सिर्फ एक आर्थिक या राजनीतिक मुद्दा नहीं मानता, क्योंकि मेरे लिए यह एक मानवीय मुद्दा है। पीएम मोदी ने जेलेंस्की को आश्वासन दिया कि भारत और मैं इस समस्या के समाधान के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, वह करेंगे।

जेलेंस्की से मिले पीएम मोदी

उल्लेखनीय है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों के दौरे के पहले चरण में जी 7 समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए शुक्रवार को हिरोशिमा पहुंचे। वह दुनिया के साथ 7 विकसित देशों के समूह की अध्यक्षता कर रहे जापान के आग्रह पर समिट में हिस्सा लिया। इसके बाद पीएम मोदी का पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया जाने का कार्यक्रम है। जापान के निमंत्रण पर यूक्रेन के राष्ट्रपति भी जी 7 शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।

भारत 2024 में करेगा क्वाड की अध्यक्षता

पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज को इस समिट की अध्यक्षता करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज को इस समिट की सफल अध्यक्षता के लिए अभिनंदन और बधाई देता हूं। 2024 में क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन का आयोजन करने में भारत को खुशी होगी। 2024 में होने वाला क्वाड सम्मेलन भारत की अध्यक्षता में आयोजित किया जाएगा।

क्षेत्रीय देशों की सुनेंगे आवाज : फुमियो किशिदा

हिरोशिमा में क्वाड बैठक के दौरान जापानी पीएम फुमियो किशिदा ने कहा हम व्यावहारिक सहयोग में शामिल होने के लिए आसियान, दक्षिण एशिया और प्रशांत द्वीप राज्यों के क्षेत्रीय देशों की आवाज सुनेंगे जो इस क्षेत्र के विकास के लिए एक शक्ति के रूप में लाभ प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि क्वाड एक बेहद सकारात्मक पहल है, अगले दिनों में इसके नतीजे सामने आने लगेंगे।

क्वाड ने पिछले दो सालों में काफी प्रगति की : जो बाइडन

वहीं, बैठक में शामिल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि मुझे लगता है कि लोग आज से करीब 20-30 साल बाद इस समूह को देखेंगे और कहेंगे कि परिवर्तन न केवल क्षेत्र में बल्कि दुनिया में काफी तेजी से घटित हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि हमने इस समूह के माध्यम से पिछले दो सालों के दौरान काफी प्रगति की है।

अगले महीने अमेरिका जाएंगे मोदी

पीएम मोदी अगले महीने अमेरिका की यात्रा पर जाएंगे, जो दोनों देशों के बीच रिश्तों को और भी बेहतर करेगा। लेकिन बाइडेन का आकर मिलना सिर्फ इतना ही मायने नहीं रखता। जी-7 देशों के इस समिट का प्रमुख मुद्दा रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन है। चीन के खिलाफ एक बार को भारत खड़ा हो जाता है, लेकिन रूस के नहीं। युद्ध की शुरुआत से ही भारत ने पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद भी रूस की आलोचना नहीं की है। इसके अलावा भारतीय वोटरों का बड़ा समर्थन भी बाइडेन को हासिल है, जिन्हें वह अपने से दूर नहीं होने देना चाहते।

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