साल 1980 से बंद पंजाब मुख्यमंत्री आवास के सामने की सड़क का मामला
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 10 दिन पहले दिया था आमजन के लिए खोलने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने आज हाईकोर्ट के फैसले पर लगायी रोक
Punjab CM Residence : सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमे उन्होंने साल 1980 से बंद Punjab CM आवास के सामने की सड़क को दोबारा खोले जाने का आदेश दिया था। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 23 अप्रैल को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास के बाहर की सड़क को जनता के लिए प्रयोगात्मक आधार पर फिर से खोलने का आदेश दिया गया था जिसपर अब सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों को चुनौती देने वाली पंजाब सरकार की अपील पर भी नोटिस जारी किया है, जिसमें चंडीगढ़ प्रशासन को प्रायोगिक आधार पर 1 मई से सेक्टर 2 में मुख्यमंत्री के आवास के सामने की सड़क को जनता के लिए खोलने के लिए कहा गया था।
1980 के दशक में आतंकवाद के समय मुख्यमंत्री आवास के सामने की सड़क बंद कर दी गई थी। पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हाल के वर्षों में राज्य में आतंकवाद फिर से बढ़ रहा है और कहा कि कई बार उसके खुफिया भवन पर ग्रेनेड फेंके गए थे। आपको बता दें कि, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर आम लोगों की आवाजाही के लिए आखिरकार बुधवार देर शाम साढ़े 6 बजे खोल दी गई। हालांकि, पहले दिन सड़क को महज आधा घंटा ही खोला गया। शाम सात बजते ही बंद कर दिया गया।
जानकारी के मुताबिक, करीब 44 साल पहले चंडीगढ़ सेक्टर-2 स्थित Punjab CM आवास के सामने सड़क को सुरक्षा कारणों के चलते बंद कर दिया गया था। इस मामले को लेकर बीते सालों में कई बार शिकायतें भी हुईं लेकिन पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते सड़क को नहीं खोला, जबकि यह सड़क पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने से शुरू होकर सीधे रॉक गार्डन, हाईकोर्ट, पंजाब-हरियाणा सिविल सेक्रेटेरिएट, बर्ड पार्क, सुखना लेक को जोड़ती है। कुछ समय पहले इस बंद सड़क का मामला हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट ने आम लोगों के लिए सड़क बंद करने पर पंजाब सरकार व चंडीगढ़ प्रशासन से जवाब तलब किया था।
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर ने एक सीलबंद कवर रिपोर्ट दायर की थी और पंजाब में रिपोर्ट की गई घटनाओं का जिक्र करते हुए खतरे की धारणा को उजागर करने के लिए "बड़ी मेहनत" की थी, जहां हमलों में आरपीजी का इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने कहा था कि “तरनतारन में हुई घटना के कुछ उदाहरण दिए गए हैं, जो चंडीगढ़ से लगभग 230 किमी की दूरी पर स्थित है… सड़क और मुख्यमंत्री के आवास के बीच 100 फीट का वन क्षेत्र है। यह सड़क और मुख्यमंत्री के आवास के बीच बफर के रूप में कार्य नहीं करता है,चिंता यह थी कि भारी विस्फोटक ले जाने वाला एक वाहन सीएम आवास की ओर आ रहा था।
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