नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल में गीगा वाट (जीडब्ल्यू) पैमाने की उत्पादन क्षमता हासिल करने हेतु कुल 19,500 करोड़ रुपये की लागत वाली उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना को बुधवार को मंजूरी दे दी।
उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के राष्ट्रीय कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के उत्पादन के लिए एक इकोसिस्टम का निर्माण के साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में आयात पर निर्भरता को कम करना है। यह कदम 'आत्मनिर्भर भारत' की पहल को मजबूत करेगा और रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
योजना के कार्यान्वयन के लिए एक पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से सोलर पीवी निर्माताओं का चयन किया जाएगा। उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) का वितरण सौर पीवी उत्पादन संयंत्रों के चालू होने के बाद पांच वर्षों के लिए किया जायेगा और यह प्रोत्साहन घरेलू बाजार से उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल की बिक्री पर दिया जाएगा।
प्रोत्साहन योजना से करीब 94,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष निवेश , ईवीए, सोलर ग्लास और बैकशीट जैसी सामग्रियों का निर्माण , लगभग दो लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार तथा 7,80,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार का अवसर मिलने के साथ ही अनुमानित 1.37 लाख करोड़ रुपये का आयात प्रतिस्थापन के अवसर उपलब्ध होंगे। वहीं यह भी अनुमान जताया गया है कि यह अनुमान किया जाता है कि पूर्ण और आंशिक रूप से एकीकृत, सौर पीवी मॉड्यूल की करीब 65,000 मेगावाट प्रति वर्ष की उत्पादन क्षमता हासिल की जा सकेगी।
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