राज एक्सप्रेस। आज देश की पूर्व राष्ट्रपति रही प्रतिभा पाटिल अपना 88वां जन्मदिन मना रही हैं। 19 दिसंबर 1934 को जन्मीं प्रतिभा पाटिल को भारत की पहली महिला राष्ट्रपति बनने का गौरव भी हासिल है। महाराष्ट्र के जलगांव जिले में रहने वाले एक साधारण परिवार से आने वाली प्रतिभा पाटिल अपनी काबिलियत के दम पर देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हुई। प्रतिभा पाटिल की कहानी आज भी भारत की करोड़ों महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है। प्रतिभा पाटिल ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उन्हें मैक्सिको के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। तो चलिए प्रतिभा पाटिल के जन्मदिन पर हम जानेंगे कि एक सामान्य परिवार से आने वाली प्रतिभा पाटिल कैसे देश की राष्ट्रपति बनीं?
'कॉलेज क्वीन' थीं प्रतिभा पाटिल :
प्रतिभा पाटिल ने अपनी शुरूआती शिक्षा जलगांव में ही पूरी की है। उन्होंने मूलजी जैठा कॉलेज से ग्रेजिएशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद प्रतिभा पाटिल ने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में दाखिला लिया और वकालत की पढ़ाई की। पढ़ाई के अलावा प्रतिभा पाटिल को टेबल टेनिस का भी काफी शौक था। यही नहीं कॉलेज टाइम पर प्रतिभा पाटिल इतनी खुबसूरत थीं कि उन्हें ‘कॉलेज क्वीन’ के खिताब से भी सम्मानित किया गया था। साल 1965 में उन्होंने प्रोफेसर देवीसिंह रणसिंह शेखावत से शादी की थी।
ऐसे हुई राजनीति में एंट्री :
छोटी सी उम्र में ही प्रतिभा पाटिल समाज सेवा के कार्यों से जुड़ गई थीं। वह एक समाज सेविका की तरह कार्य करती थीं। इसी बीच 27 साल की उम्र में उन्होंने राजनीति में कदम रखा और कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा। इसके बाद वह लगातार 4 बार कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीतती रहीं। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र की सरकार में अलग-अलग विभागों के मंत्री पद का दायित्व भी संभाला।
ऐसे बनीं राष्ट्रपति :
प्रदेश की राजनीति के बाद प्रतिभा पाटिल को राष्ट्रीय राजनीति में भेजा गया और वह राज्यसभा सांसद बनीं। साल 1986 से लेकर साल 1988 तक प्रतिभा पाटिल राज्यसभा उपसभापति के पद पर रहीं। इसके बाद साल 1991 में उन्होंने अमरावती लोकसभा सीट से जीत दर्ज की। साल 2004 से साल 2007 तक प्रतिभा पाटिल राजस्थान की राज्यपाल रहीं। साल 2007 में उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया। राष्ट्रपति के चुनाव में प्रतिभा पाटिल ने भैरोसिंह शेखावत को 3 लाख से अधिक वोटों से हराया था।
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