राज एक्सप्रेस। 23 जुलाई 1927 को इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी की शुरुआत की गई थी। जबकि भारत में आज प्रसार भारती के 470 प्रसारण केंद्र हैं। चलिए जानते हैं इसके बारे में। देश में हर साल 23 जुलाई को राष्ट्रीय प्रसारण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोगों को रेडियो का महत्व समझाया जाता है और रेडियो के इस्तेमाल के लिए जागरूक किया जाता है। यही वो दिन है जब भारत ने अपनी पहली रेडियो ब्रॉडकास्टिंग कंपनी के साथ अपने इस सुनहरे सफर की शुरुआत की थी। चलिए आज इसी मौके पर जानते हैं राष्ट्रीय प्रसारण दिवस के इतिहास और भारत देश में इसकी शुरुआत और इसकी पहुंच के बारे में।
23 जुलाई को क्यों मनाते हैं राष्ट्रीय प्रसारण दिवस.?
हर किसी के मन में यह सवाल आता ही है कि आखिर 23 जुलाई को ही राष्ट्रीय प्रसारण दिवस क्यों मनाया जाता है। इसके पीछे वजह है कि 23 जुलाई 1927 के लिए इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी लिमिटेड नामक कंपनी के द्वारा अपना सफर शुरू किया था। सबसे पहले इस कंपनी ने मुंबई स्टेशन से रेडियो की शुरुआत की थी।
क्या है राष्ट्रीय प्रसारण दिवस का इतिहास.?
जून 1923 में ब्रिटिश हुकूमत के दौरान बॉम्बे के रेडियो क्लब के द्वारा भारत में पहली बार रेडियो पर टेलीकास्ट की शुरुआत हुई थी। इसके सफलता पूर्वक प्रसारण के करीब 5 महीनों के बाद कलकत्ता रेडियो क्लब की स्थापना की गई थी लेकिन इसके अस्तित्व में आने में कुछ साल लग गए। दरसल 23 जुलाई 1927 को इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी की शुरुआत की गई। इसके बाद से ही देशभर में 23 जुलाई राष्ट्रीय प्रसारण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
150 देशों में है प्रसार भारती की पहुंच :
दुनिया के सबसे बड़े ब्रॉडकास्टिंग कंपनी में से एक नाम लोक सेवा प्रसारक, प्रसार भारती का भी आता है। इसकी पहुंच आज इतनी बढ़ गई है कि भारत में प्रसार भारती के 470 प्रसारण केंद्र हैं जबकि मीडियम और शार्ट वेब सर्विस में आज प्रसार भारती की पहुंच 150 देशों तक हो चुकी है।
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