राज एक्सप्रेस। अगर कोई व्यक्ति सुसाइड कर ले या किसी दुर्घटना में उसकी मौत हो जाती है, तो उसका पोस्टमार्टम होता ही है, इसी को लेकर भारत में एक नई तकनीकि (New Post Mortem Technology) शुरू होने वाली है, जिससे अब बिना चीर-फाड़ किए ही पोस्टमार्टम हो जाएगा। जी हां! अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं। इस बात की जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने राज्यसभा को बताई है।
यह तकनीक कई देशों में शुरू :
हालांकि, यह तकनीक स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, नार्वे सहित कई देशों में शुरू हो चुकि है और अब भारत मेें भी जल्द ही शुरू हो जाएगा।
क्या बोले हर्षवर्धन-
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद मिलकर ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं, जिसमें बिना चीर-फाड़ किए ही शव परीक्षण (वर्चुअल ऑटोप्सी) हो सकेगा। इसका एक मकसद शवों का गरिमामय तरीके से निस्तारण भी है।स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन
नयी पद्धति आने के बाद क्या होगा :
भारत में अगर यह नयी पद्धति शुरू हो जाती है, तो फिर समय भी कम खर्च होगा और यह किफायती भी होगी। इसके साथ ही इसमें डिजिटल रिकार्ड भी रखा जा सकेगा। हर्षवर्धन द्वारा यह बात भी सामने आई है कि, अभी एम्स में हर वर्ष लगभग 3000 शव परीक्षण किए जाते हैं और सामान्य पोस्टमार्टम में ढाई घंटे का समय लगता ही है, लेकिन अब नई तकनीक के तहत शव का परीक्षण पूरा करने में केवल 30 मिनट का समय ही लगेगा। इस तकनीक की सुविधा की शुरुआत सबसे पहले AIIMS में होगी, इसके बाद ही अन्य अस्पतालों में भी इसे शुरू कर दिया जाएगा।
कब शुरू होगी नई तकनीक :
इस दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने प्रश्नकाल में सवालों के जवाब में यह बात भी बताई है कि, यह नई तकनीक अगले छह माह में चालू हो जाने की संभावना है।
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