दिल्ली, भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विश्व शांति के लिए 'कृष्णगुरु एक नाम' अखंड कीर्तन में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, "कृष्णगुरु एक नाम अखंड कीर्तन का ये आयोजन पिछले एक महीने से चल रहा है। मुझे खुशी है कि ज्ञान, सेवा और मानवता की जिस प्राचीन भारतीय परंपरा को कृष्ण गुरु जी ने आगे बढ़ाया वो आज भी निरंतर गतिमान है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, "कृष्णगुरु जी ने विश्व शांति के लिए हर 12 वर्ष में 1 मास के अखंड नामजप और कीर्तन का अनुष्ठान शुरू किया था। हमारे देश में तो 12 वर्ष की अवधि पर इस तरह के आयोजनों की प्राचीन परंपरा रही है और इन आयोजनों का मुख्य भाव रहा है-कर्तव्य।"
उन्होंने कहा कि, "आज विकास की दौड़ में जो जितना पीछे है, देश के लिए वो उतनी ही पहली प्राथमिकता है। यानि जो वंचित है, उसे देश आज वरीयता दे रहा है। आज देश असम और नॉर्थ ईस्ट के विकास को वरीयता दे रहा है। इस बार के बजट में भी देश के इन प्रयासों और हमारे भविष्य की मजबूत झलक दिखाई पड़ी है। पूर्वोत्तर की इकॉनमी और प्रगति में पर्यटन की एक बड़ी भूमिका है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि, "इस बार के बजट में पर्यटन से जुड़े अवसरों को बढ़ाने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। देश में 50 टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स को विशेष अभियान चलाकर विकसित किया जाएगा।
पीएम ने इस दौरान कहा कि, "भारत की सांस्कृतिक विरासत की सबसे बड़ी अहमियत, सबसे बड़ा मूल्यवान खजाना हमारे नदी तटों पर ही है, क्योंकि हमारी पूरी संस्कृति की विकास यात्रा नदी तटों से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि, जब असम के शिल्प की बात होती है, तो यहां के 'गोमोशा' का भी जिक्र अपने आप हो जाता है। मुझे खुद 'गोमोशा' पहनना बहुत अच्छा लगता है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि, "महिलाओं की आय उनके सशक्तिकरण का माध्यम बने इसके लिए 2023-24 के बजट में 'महिला सम्मान बचत योजना' शुरू की गई है। इस योजना के तहत महिलाओं को बचत पर विशेष रूप से अधिक ब्याज का फायदा मिलेगा।"
उन्होंने कहा कि, "कृष्ण गुरु कहा करते थे- नित्य भक्ति के कार्यों में विश्वास के साथ अपनी आत्मा की सेवा करें। अपनी आत्मा की सेवा में ही समाज की सेवा है। समाज के विकास के इस मंत्र में बड़ी शक्ति समाई हुई है।"
उन्होंने कहा कि, "हमने देखा है कि कैसे देश ने स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया और फिर जन भागीदारी ने इसे सफल बना दिया। डिजिटल इंडिया अभियान की सफलता के पीछे भी सबसे बड़ी वजह जनभागीदारी ही है।"
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