हाइलाइट्स:
विजयादशमी पर PM मोदी की बड़ी सौगात
PM मोदी ने 7 नई रक्षा कंपनियों को राष्ट्र को की समर्पित
41 ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रीज़ को नए स्वरूप में किए जाने का निर्णय
दिल्ली, भारत। विजयादशमी के अवसर पर आज शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित 7 नई रक्षा कंपनियों को राष्ट्र को समर्पित करने के कार्यक्रम में शामिल हुए और 7 रक्षा कंपनियों की शुरुआत की।
रक्षा क्षेत्र में आज 7 नई कंपनियां उतरने जा रही हैं :
7 नई रक्षा कंपनियों को राष्ट्र को समर्पित करने के कार्यक्रम को PM मोदी ने संबोधित किया और कहा- आज ही पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साहब की जयंती भी है। कलाम साहब ने जिस तरह अपने जीवन को शक्तिशाली भारत के निर्माण के लिए समर्पित किया, वो हम सबके लिए प्रेरणा देने वाला है। रक्षा क्षेत्र में आज जो 7 नई कंपनियां उतरने जा रही हैं, वो समर्थ राष्ट्र के उनके संकल्पों को और मजबूती देंगी।
PM मोदी ने बताया, ''आज विजयादशमी के पावन पर्व पर राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए, राष्ट्र को अजेय बनाने के लिए, जो लोग दिन रात खपा रहे हैं, उनके सामर्थ्य में और अधिक आधुनिकता लाने के लिए, एक नई दिश की ओर चलने का अवसर वो भी विजयादशमी के पावन पर्व पर ये अपने आप में ही शुभ संकेत लेकर आता है। इस वर्ष भारत ने अपनी आजादी के 75वें साल में प्रवेश किया है। आजादी के इस अमृतकाल में देश एक नए भविष्य के निर्माण के लिए नए संकल्प ले रहा है और जो काम दशकों से अटके थे, उन्हें पूरा भी कर रहा है।''
41 ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रीज़ को नए स्वरूप में किए जाने का निर्णय, 7 नई कंपनियों की ये शुरुआत, देश की इसी संकल्प यात्रा का हिस्सा हैं। ये निर्णय पिछले 15-20 साल से लटका हुआ था। मुझे पूरा भरोसा है कि, ये सभी सात कंपनियाँ आने वाले समय में भारत की सैन्य ताकत का एक बड़ा आधार बनेंगी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
PM मोदी के संबोधन की बातें-
विश्व युद्ध के समय भारत की ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रियों का दम-खम दुनिया ने देखा है। हमारे पास बेहतर संसाधन होते थे, वर्ल्ड क्लास स्किल होता था। आजादी के बाद हमें जरूरत थी इन फैक्ट्रियों को upgrade करने की, न्यू एज टेक्नोलॉजी को अपनाने की, लेकिन इस पर बहुत ध्यान नहीं दिया गया। हमारी ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रीज कभी दुनिया की शक्तिशाली संस्थाओं में गिनी जाती थी। इन फैक्ट्रीज के पास 100-150 वर्ष से ज्यादा का अनुभव है।
विश्व युद्ध के समय भारत की ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रीज़ का दम-खम दुनिया ने देखा है। हमारे पास बेहतर संसाधन होते थे, वर्ल्ड क्लास स्किल होता था। आज़ादी के बाद हमें जरूरत थी इन फैक्ट्रीज़ को upgrade करने की, न्यू एज टेक्नोलॉजी को अपनाने की। लेकिन इस पर बहुत ध्यान नहीं दिया गया।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश का लक्ष्य भारत को अपने दम पर दुनिया की बड़ी सैन्य ताकत बनाने का है, भारत में आधुनिक सैन्य इंडस्ट्री के विकास का है। पिछले सात वर्षों में देश ने ‘मेक इन इंडिया’ के मंत्र के साथ अपने इस संकल्प को आगे बढ़ाने का काम किया है।
आज देश के डिफेंस सेक्टर में जितनी transparency है, trust है, और technology driven approach है, उतनी पहले कभी नहीं रही। आज़ादी के बाद पहली बार हमारे डिफेंस सेक्टर में इतने बड़े reforms हो रहे हैं, अटकाने-लटकाने वाली नीतियों की जगह सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की गई है।
कुछ समय पहले ही रक्षा मंत्रालय ने ऐसे 100 से ज्यादा सामरिक उपकरणों की लिस्ट जारी की थी जिन्हें अब बाहर से आयात नहीं किया जाएगा। इन नई कंपनियों के लिए भी देश ने अभी से ही 65,000 करोड़ रुपए के ऑर्डर्स प्लेस किए हैं। ये हमारी डिफेंस इंडस्ट्री में देश के विश्वास को दिखाता है।
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