राज्यसभा में उपराष्ट्रपति नायडू की विदाई पर PM मोदी की स्पीच Social Media
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राज्यसभा में उपराष्ट्रपति नायडू की विदाई पर PM मोदी की स्पीच

उपराष्ट्रपति नायडू की विदाई पर PM नरेंद्र मोदी ने कहा, आजादी के अमृत महोत्सव में आज जब देश अपने अगले 25 वर्षों की नई यात्रा शुरू कर रहा है। तब देश का नेतृत्व भी एक तरह से एक नए युग के हाथों में हैं।

Priyanka Sahu

दिल्ली, भारत। देश के उपराष्ट्रपति की जिम्मेदारी संभाल रहे एम. वेंकैया नायडू का कार्यकाल पूरा होने वाला है, जिसके चलते आज सोमवार को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में राज्यसभा यानी उच्च सदन में विदाई दी जा रही है। वे कल अपना पद छोड़ देंगे एवं अब इस पद की जगदीप धनखड़ 11 अगस्त को गोपनीयता की शपथ लेंगे।

वेंकैया नायडू जी को उनके कार्यकाल की समाप्ति पर उन्हें धन्यवाद :

राज्यसभा में उपराष्ट्रपति की विदाई पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- आज हम राज्यसभा सभापति महोदय वेंकैया नायडू जी को उनके कार्यकाल की समाप्ति पर, उन्हें धन्यवाद देने के लिए एकत्र हुए हैं। इस सदन के लिए ये बहुत भावुक पल है। सदन के कितने ही ऐतिहासिक पल आपकी गरिमामई उपस्थिति से जुड़े हैं। आजादी के अमृत महोत्सव में आज जब देश अपने अगले 25 वर्षों की नई यात्रा शुरू कर रहा है। तब देश का नेतृत्व भी एक तरह से एक नए युग के हाथों में हैं।

हम जानते हैं कि इस बार हम ऐसी 15 अगस्त मना रहे हैं, जब देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, स्पीकर और प्रधानमंत्री सब के सब वो लोग हैं, जो आजाद भारत में पैदा हुए और सब के सब बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
  • आदरणीय सभापति महोदय आप तो देश के एक ऐसे उपराष्ट्रपति हैं, जिसने अपनी सभी भूमिकाओं में हमेशा युवाओं के लिए काम किया है। आपने सदन में भी हमेशा युवा सांसदो को आगे बढ़ाया और उन्हें प्रोत्साहन दिया।

  • उपराष्ट्रपति के रूप में आपने सदन के बाहर जो भाषण दिए, उनमें करीब 25% युवाओं के बीच में रहे हैं। ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है। व्यक्तिगत रूप से मेरा ये सौभाग्य रहा है कि मैंने बड़े निकट से आपको अलग अलग भूमिकाओं में देखा है। आपकी बहुत सारी भूमिकाएं ऐसी भी रही, जिसमें आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का भी मुझे सौभाग्य मिला है।

  • उपराष्ट्रपति और सदन के सभापति के रूप में आपकी गरीमा और निष्ठा, मैंने आपको अलग-अलग जिम्मेदारियों में बड़ी लगन से काम करते हुए देखा है। आपने कभी भी किसी काम को बोझ नहीं माना। आपने हर काम में नए प्राण फूंकने का प्रयास किया है।

  • आपका ये जज्बा और लगन हम लोगों ने निरंतर देखा है। मैं प्रत्येक माननीय सांसद और देश के हर युवा से कहना चाहूंगा कि वो समाज, देश और लोकतंत्र के बारे में आपसे बहुत कुछ सीख सकते हैं।

  • आपकी किताबों में आपकी वो शब्द प्रतिभा झलकती है, जिसके लिए आप जाने जाते हैं। आपके one liners, wit liners होते हैं। उनके बाद कुछ कहने की जरूरत ही नहीं रह जाती। कैसे कोई अपनी भाषा की ताकत के रूप में सहजता से इस सामर्थ्य के लिए जाना जाए और उस कौशल से स्थितियों को बदलने की सामर्थ्य रखे, ऐसे आपके सामर्थ्य को मैं बधाई देता हूं।

  • आपने दक्षिण में छात्र राजनीति करते हुए अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। तब लोग कहते थे कि जिस विचारधारा से आप जुड़े थे, उसका और उस पार्टी का निकट भविष्य में तो दक्षिण में कोई सामर्थ्य नजर नहीं आता है। लेकिन आप उस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के शीर्ष पद तक पहुंचे।

  • आप कहते हैं कि मातृभाषा आंखों की रोशनी की तरह होती है, और दूसरी भाषा चश्मे की तरह होती है। ऐसी भावना हृदय की गहराई से ही बाहर आती है। आपकी मौजूदगी में सदन की कार्यवाही के दौरान हर भारतीय भाषा को विशिष्ट अहमियत दी गई है।

  • वेंकैया जी की मौजूदगी में सदन की कार्यवाही के दौरान हर भारतीय भाषा को विशिष्ट अहमियत दी गई है। आपने सदन में सभी भारतीय भाषाओं को आगे बढ़ने के लिए काम किया। सदन में हमारी सभी 22 शेड्यूल भाषाओं में कोई भी सदस्य बोल सकता है, उसका इंतजाम आपने किया।

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