Mann Ki Baat 100th Episode Social Media
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Mann Ki Baat 100th Episode: शतक के ऐतिहासिक सफर में PM मोदी का भाषण, जानें क्‍या कहा खास...

Mann Ki Baat 100th Episode: लोकप्रिय मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 100वें ए‍पिसोड बेहद ही ऐतिहासिक है। जानें भाषण में क्‍या कहा खास...

Priyanka Sahu

Mann Ki Baat 100th Episode: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने लोकप्रिय मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के माध्‍यम से देश के नाम अपना संबोधन देते है। आज रविवार (30 अप्रैल) को मन की बात का 100वां ए‍पिसोड है, जो बेहद ही ऐतिहासिक है। इस मौके पर प्रदेश में सभी मुख्‍यमंत्रियों एवं भाजपा के वरिष्‍ठ नेताओं और मंत्रियों द्वारा PM मोदी के इस बेहद खास एपिसोड को सुना।

100वें एपिसोड के लिए देशवासियों को बधाई :

मन की बात के 100वें ए‍पिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरूआत में 100वें एपिसोड के लिए देशवासियों को बधाई दी और कहा- आज 'मन की बात' का 100वां एपिसोड है। मुझे आप सबकी हजारों चिट्ठियां मिली हैं, लाखों सन्देश मिले हैं और मैंने कोशिश की है कि ज्यादा से ज्यादा चिट्ठियों को पढ़ पाऊं, देख पाऊं, संदेशों को जरा समझने की कोशिश करूं। आपके पत्र पढ़ते हुए कई बार मैं भावुक हुआ, भावनाओं से भर गया, भावनाओं में बह गया और खुद को फिर संभाल भी लिया। आपने मुझे 'मन की बात' के 100वें एपिसोड पर बधाई दी है, लेकिन मैं सच्चे दिल से कहता हूं, दरअसल बधाई के पात्र तो आप सब 'मन की बात' के श्रोता हैं, हमारे देशवासी हैं।

3 अक्टूबर 2014 को विजया दशमी का वो पर्व था और हम सबने मिलकर विजया दशमी के दिन 'मन की बात' की यात्रा शुरू की थी। विजया दशमी यानी, बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व, ‘मन की बात’ भी देशवासियों की अच्छाइयों का सकारात्मकता का एक अनोखा पर्व बन गया है। एक ऐसा पर्व, जो हर महीने आता है, जिसका इंतजार हम सभी को होता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

हर एपिसोड अपने-आप में रहा खास :

आगे उन्‍होंने यह भी कहा, हम इसमें positivity को celebrate करते हैं। हम इसमें people's participation को भी celebrate करते हैं। कई बार यकीन नहीं होता कि 'मन की बात' को इतने महीने और इतने साल गुजर गए। हर एपिसोड अपने-आप में खास रहा। मन की बात' में पूरे देश के कोने-कोने से लोग जुड़े, हर आयु वर्ग के लोग जुड़े।

जन-आंदोलन बन गया मन की बात :

PM मोदी ने आगे यह भी कहा कि, 'मन की बात' जिस विषय से जुड़ा वो जन-आंदोलन बन गया और उसे जन-आंदोलन आप लोगों ने बनाया। चाहे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम हो, स्वच्छता आंदोलन हो, खादी प्रेम हो या फिर प्रकृति की बात या आजादी का अमृत महोत्सव हो, जो भी 'मन की बात' कार्यक्रम से जुड़ा, वह जन आंदोलन बन गया।जब मैंने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ साझा 'मन की बात' की थी, उसकी चर्चा पूरे विश्व में हुई थी। 'मन की बात' मेरे लिए दूसरों के गुणों की पूजा करने के जैसा ही रहा है।

मन की बात में PM ने यह प्रमुख बातें भी कहीं-

  • जब मैं गुजरात के मुख्यमंत्री था तो वहां सामान्य जन से मिलना-जुलना स्वाभाविक रूप से हो ही जाता था। लेकिन 2014 में दिल्ली आने के बाद मैंने पाया कि यहां का जीवन तो बहुत अलग है। शुरूआती दिनों में कुछ अलग महसूस करता था, खाली-खाली महसूस करता था। 'मन की बात' ने मुझे इस चुनौती का समाधान दिया, सामान्य मानवी से जुड़ने का रास्ता दिया।

  • 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की शुरुआत मैंने हरियाणा से ही की थी। 'सेल्फी विद डॉटर' अभियान ने मुझे बहुत प्रभावित किया और मैंने अपने एपिसोड में इसका जिक्र किया। जल्द ही यह 'सेल्फी विद डॉटर' अभियान वैश्विक हो गया। इस अभियान का मकसद लोगों को जीवन में बेटी के महत्व को समझाना था।

  • मेरे लिए 'मन की बात' ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाल की तरह है। 'मन की बात' मेरे मन की आध्यात्मिक यात्रा बन गया है। 'मन की बात' स्व से समिष्टि की यात्रा है। 'मन की बात' अहम् से वयम् की यात्रा है।

  • आज देश में Tourism बहुत तेजी से Grow कर रहा है। हमारे ये प्राकृतिक संसाधन हों, नदियां, पहाड़, तालाब या फिर हमारे तीर्थ स्थल हों, उन्हें साफ़ रखना बहुत ज़रूरी है। ये Tourism Industry की बहुत मदद करेगा। पर्यटन में स्वच्छता के साथ-साथ हमने Incredible India movement की भी कई बार चर्चा की है। इस movement से लोगों को पहली बार ऐसे कितनी ही जगहों के बारे में पता चला, जो उनके आस-पास ही थीं।

  • मैं हमेशा ही कहता हूं कि हमें विदेशों में Tourism पर जाने से पहले हमारे देश के कम से कम 15 Tourist destination पर जरुर जाना चाहिए और यह Destination जिस राज्य में आप रहते हैं, वहां के नहीं होने चाहिए, आपके राज्य से बाहर किसी अन्य राज्य के होने चाहिए।

  • बात शिक्षा की हो या संस्कृति की, उसके संरक्षण की बात हो या संवर्धन की, भारत की यह प्राचीन परंपरा रही है। इस दिशा में आज देश जो काम कर रहा है, वो वाकई बहुत सराहनीय है। National Education Policy हो या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई का विकल्प हो, Education Technology Integration हो, आपको ऐसे अनेक प्रयास देखने को मिलेंगे।

  • इस साल हम जहां आजादी के अमृतकाल में आगे बढ़ रहे हैं, वहीं G-20 की अध्यक्षता भी कर रहे हैं। यह भी एक वजह है कि Education के साथ-साथ Diverse Global Cultures को समृद्ध करने के लिये हमारा संकल्प और मजबूत हुआ है।

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