दिल्ली, भारत। भारत के अलग-अलग राज्य कोरोना के साथ ही कई प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना कर रहे हैं। इन आपदाओं के तहत कभी भूकंप के झटकों के कारण धरती डगमगा रही है, तो वहीं, बारिश-बाढ़ का हाहाकार मचा है। इस बीच अब 'जवाद' नाम के चक्रवाती तूफान ने टेंशन बढ़ा दी, जिसके चलते आज राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवाती तूफान के खतरों से निपटने की तैयारी की समीक्षा की।
PM ने अधिकारियों को दिए यह निर्देश :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरूवार को चक्रवात से संबंधित एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में चक्रवाती तूफान 'जवाद' के खतरों से निपटने की तैयारी की समीक्षा में PM मोदी ने अधिकारियों को जोखिम वाले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने के लिए हर संभव उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। एक सरकारी बयान के मुताबिक, इस बारे में भी जानकारी सामने आई है कि, चक्रवात से संबंधित एक उच्च स्तरीय बैठक में PM नरेंद्र मोदी ने यह बातें कहीं-
आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने के लिए हर संभव उपाय किए जाने चाहिए और उनमें रुकावट आती है, तो उसे जल्द से जल्द बहाल करने के प्रयास हों।
सभी मंत्रालयों और एजेंसियों को मिलजुल कर इस तरह काम करने को कहा गया है, ताकि तूफान से नुकसान कम से कम हो।
राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (NDRF) ने तूफान के खतरे वाले क्षेत्रों में पहले ही 29 टीमें भेज दी हैं। उनके साथ नाव, पेड़ काटने की आरी, दूरसंचार उपकरण आदि भी भेजे गए हैं।
इसके अलावा 33 टीमों को तैयार रहने के लिए कहा गया है।
भारतीय तटरक्षक और नौसेना ने भी अपनी जहाज और हेलीकॉप्टर राहत और बचाव कार्य के लिए तैयार कर रखे हैं।
इसके अलावा आगे यह भी बताया कि, '' उन्होंने तूफान में लापता लोगों की खोज और बचाव के लिए भी तैयारी की है। भारतीय वायुसेना और भारतीय थल सेना के इंजीनियरों किटी में भी तैयार रखी गई हैं। आपदा राहत और चिकित्सा दल भी पूर्वी तट पर तैनात कर दिए गए हैं।''
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