दिल्ली, भारत। एक तरफ भारत की सेना आतंकवादियों का खात्मा करने की फिराक में है, ताे वहीं दूसरी ओर आतंकी वारदातें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। हालांकि, भारतीय सेना भी इनकी सभी साजिशों पर पानी फेर रहे हैैं। बीते दिन गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में मुठभेड़ के दौरान मारे गए 4 संदिग्ध आतंकवादियों के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक्शन मोड में आ गए हैं और आज शुक्रवार को नगरोटा एनकाउंटर पर प्रधानमंत्री ने एक अहम बैठक की।
समीक्षा बैठक में नगरोटा एनकाउंटर पर चर्चा :
नगरोटा एनकाउंटर के अगले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के अलावा विदेश सचिव और शीर्ष खुफिया विभाग के अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की है। वहीं, सरकारी सूत्रों द्वारा सामने आई जानकारी के अनुसार, नगरोटा एनकाउंटर में ढेर हुए चारों आतंकवादी मुंबई हमले (26/11) की बरसी के मौके पर बड़ा हमला करने की योजना बना रहे थे। समीक्षा बैठक में नगरोटा एनकाउंटर पर विस्तार से चर्चा की गई।
मुंबई हमले की बरसी पर बड़े हमले की थी योजना :
बता दें कि, जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में गुरुवार को हुई आतंकी मुठभेड़ के पीछे मुंबई जैसे आतंकी हमले की साजिश का पर्दाफाश हुआ है। सुरक्षा एजेंसियों को जांच में पता चला है कि, मारे गए आतंकवादियों को मुंबई हमले की बरसी पर वैसे ही बड़े हमले को अंजाम देने के लिए भेजा गया था।
टोल प्लाजा पर चेकिंग के दौरान ढेर हुए थे आतंकी :
दरअसल, जम्मू के नगरोटा में बन टोल प्लाजा पर चेकिंग के दौरान सुरक्षाबलों ने 4 आतंकियों को एन-44 पर ढेर किया था। आतंकी एक ट्रक में छिपकर आ रहे थे, चेकिंग के लिए जब ट्रक रोका गया तो आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जवाबी कार्रवाई में जवानों ने भी ट्रक को विस्फोट से उड़ा दिया, जिसके बाद आतंकी पास में जंगल की तरफ भागने लगे। इस दौरान 3 घंटे तक चले ऑपरेशन में सभी आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया।
PM ने की सुरक्षा बलों की तारीफ :
तो वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा- हमारे सुरक्षा बलों ने एक बार फिर अत्यंत बहादुरी और व्यावसायिकता प्रदर्शित की है। उनकी सतर्कता के कारण, उन्होंने जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर के लोकतांत्रिक अभ्यासों को लक्षित करने के लिए एक नापाक साजिश को हराया है।
पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े 4 आतंकवादियों का निष्कासन और उनके साथ बड़े हथियारों और विस्फोटकों की मौजूदगी इस बात का संकेत देती है कि एक बार फिर बड़े कहर और विनाश का प्रयास किया गया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
बताते चलें, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में वर्ष 2008 में 26 नवंबर को आतंकी हमला हुआ था, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने शहर के कई इलाकों को अपना निशाना बना लिया था और इस आतंकी हमले के दौरान 166 लोगों की मौत, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
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