दिल्ली, भारत। चंद्रयान 3 मिशन सॉफ्ट-लैंडिंग का जश्न हर तरफ है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साउथ अफ्रीका में है, लेकिन वे वर्चुअली माध्यम से इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने और चंद्रयान 3 मिशन की सफल सॉफ्ट-लैंडिंग के बाद अपना संबोधन भी दिया।
PM नरेंद्र मोदी ने कहा- जब आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं तो जीव धन्य हो जाता है। ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्र जीवन की चिरंजीव चेतना बन जाती है। ये पल अविस्मरणीय है, ये क्षण अभूतपूर्व है, ये क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है, ये क्षण नए भारत के जयघोष का है, ये क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है, ये क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का है, ये क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है, ये क्षण भारत में नई ऊर्जा, नए विश्वास, नई चेतना का है, ये क्षण भारत के उदयमान भाग्य के आह्वान का है।
हमने जमीन पर संकल्प लिया और चांद पर उसे पूरा किया... आज हम नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं। इस समय मैं ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका में हूं. हालाँकि, हर देशवासी की तरह, मैं भी चंद्रयान अभियान का इंतजार कर रहा था। अमृतकाल के प्रथम प्रभा में सफलता की ये अमृतवर्षा हुई है। हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया। हमारे वैज्ञानिक साथियों ने कहा- India is now on the moon.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
आज हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं। मैं इस समय BRICS में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका में हूं, लेकिन हर देशवासी की तरह मेरा मन भी चंद्रयान महाअभियान में भी लगा हुआ था।
नया इतिहास बनते ही हर भारतीय जश्न में डूब गया है, हर घर में उत्सव शुरू हो गया है। मैं टीम चंद्रयान को, इसरो को और देश के सभी वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं, जिन्होंने इस पल के लिए वर्षों तक इतना परिश्रम किया है।
इस खुशी के मौके पर मैं दुनिया के सभी लोगों को संबोधित करना चाहता हूं। भारत का सफल चंद्र मिशन सिर्फ भारत का ही नहीं है, यह एक ऐसा साल है जिसमें दुनिया भारत की जी-20 की अध्यक्षता देख रही है। एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का हमारा दृष्टिकोण दुनिया भर में गूंज रहा है। हमारे द्वारा प्रस्तुत इस मानव-केंद्रित दृष्टिकोण का सार्वभौमिक रूप से स्वागत किया गया है। हमारा चंद्र मिशन भी इसी मानव-केंद्रित दृष्टिकोण पर आधारित है। इसलिए, यह सफलता पूरी मानवता की है।
उत्साह, उमंग, आनंद और भावुकता से भरे इस अद्भुत पल के लिए मैं 140 करोड़ देशवासियों को भी कोटि-कोटि बधाई देता हूं। हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम और प्रतिभा से भारत चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है, जहां आज तक दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच सका है।
अब आज के बाद से चांद से जुड़े मिथक बदल जाएंगे...कथानक भी बदल जाएंगे और नई पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदल जाएंगी। कभी कहा जाता था- चंदा मामा बहुत दूर के हैं, अब एक दिन वो भी आएगा...जब बच्चे कहा करेंगे, चंदा मामा बस एक टूर के हैं।
हमने भविष्य के लिए कई बड़े और महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किए हैं। जल्द ही सूर्य के विस्तृत अध्ययन के लिए इसरो आदित्य एल-1 मिशन लॉन्च करने जा रहा है।
भारत बार-बार ये साबित कर रहा है कि- sky is not the limit. साइंस और टेक्नोलॉजी देश के उज्ज्वल भविष्य के आधार हैं।
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