राज एक्सप्रेस। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माँ हीराबेन का शुक्रवार सुबह 100 साल की उम्र में निधन हो गया। उनकी तबियत अचानक बुधवार के दिन बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल में भर्ती किया गया था। अपनी माँ की तबियत को जानने के लिए पीएम उनसे मिलने भी पहुंचे थे। लेकिन हालत स्थिर होने के बाद वे वापस लौट गए थे। आज सुबह प्रधानमंत्री मोदी गांधीनगर के श्मशान घाट पर अपनी माँ का अंतिम संस्कार करने के बाद वहां से रवाना हो गए हैं। चलिए जानते है हीराबेन की कहानी।
शुरुआत से देखी थी गरीबी :
इस बारे में पीएम मोदी का ब्लॉग बताता है कि, हीराबेन कभी भी स्कूल नहीं जा सकीं। उन्होंने शुरुआत से ही अपने जीवन में गरीबी और चीजों का अभाव देखा था। जब वे काफी छोटी थीं तब ही उनकी माँ का भी देहांत हो गया। जिसके बाद उनकी शादी कम उम्र में ही दामोदर दास मोदी से हो गई।
दूसरों के घर मांजे बर्तन :
मोदी ने अपनी माँ के संघर्ष के बारे में बताया है कि, घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। जिसे देखते हुए हीराबेन दूसरों के घर में बर्तन भी मांजा करती थीं। इस काम से जो पैसा मिलता था, उससे घर का कुछ खर्च निकल जाता था। इसके अलावा जब उन्हें समय मिलता वे चरखा चलाकर भी पैसा जुटाया करती थीं।
चाहती थी कि नरेंद्र मोदी बनें प्रधानमंत्री:
रिपोर्ट्स बताती हैं कि खुद हीराबेन इंटरव्यू के दौरान यह बात कह चुकी थी कि उनका सपना है कि एक दिन उनका बेटा नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन देश की सेवा करे। उन्हें अपने बेटे पर भरोसा भी था इसलिए वे कहती थीं, एक दिन प्रधानमंत्री बनेगा।
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