Mann Ki Baat : आज 26 जून को इस माह का आखिरी रविवार है। हर बार की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक प्रसिद्ध रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित कर रहे है। यह PM मोदी के मन की बात कार्यक्रम का 90वां संस्करण है।
मन की बात कार्यक्रम में PM मोदी का संबोधन :
मन की बात कार्यक्रम के 90वें संस्करण में PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा- आज की पीढ़ी के नौजवानों से, 24-25 साल के युवाओं से, एक सवाल पूछना चाहता हूं और सवाल बहुत गंभीर है, लेकिन मेरे नौजवान साथियो, हमारे देश में एक बार ऐसा हुआ था। ये बरसों पहले 1975 की बात है। जून का वही समय था जब 'आपातकाल' लागू किया गया था। उस समय भारत के लोकतंत्र को कुचल देने का प्रयास किया गया था। देश की अदालतें, हर संवैधानिक संस्था, प्रेस, सब पर नियंत्रण लगा दिया गया था। Censorship की ये हालत थी कि बिना स्वीकृति कुछ भी छापा नहीं जा सकता था।
भारत के लोगों ने लोकतांत्रिक तरीके से ही 'आपातकाल' को हटाकर, वापस, लोकतंत्र की स्थापना की। तानाशाही की मानसिकता को, तानाशाही वृति-प्रवृत्ति को लोकतांत्रिक तरीके से पराजित करने का ऐसा उदाहरण पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
PM मोदी ने अपने संबोधन में आगे यह भी कहा- आज हमारा भारत जब इतने सारे क्षेत्रों में सफलता का आकाश छू रहा है, तो आकाश, या अन्तरिक्ष, इससे अछूता कैसे रह सकता है। बीते कुछ समय में हमारे देश में Space Sector से जुड़े कई बड़े काम हुए हैं। देश की इन्हीं उपलब्धियों में से एक है In-Space नाम की Agency का निर्माण।
कुछ दिन पहले जब मैं In-Space के headquarter के लोकार्पण के लिए गया था, तो मैंने कई युवा Start-Ups के Ideas और उत्साह को देखा। आज से कुछ साल पहले तक हमारे देश में, Space Sector में, Start-Ups के बारे में, कोई सोचता तक नहीं था। आज इनकी संख्या 100 से भी ज्यादा है।
चेन्नई और हैदराबाद के दो Start-Ups हैं- अग्निकुल और स्काईरूट। ये Start-Ups ऐसे Launch Vehicle विकसित कर रही हैं जो अन्तरिक्ष में छोटे payloads लेकर जायेंगे। इससे Space Launching की कीमत बहुत कम होने का अनुमान है।
इसी तरह, बेंगलुरु के एक Space Start-Up Astrome की founder नेहा भी एक कमाल के idea पर काम कर रही हैं। ये Start-Up ऐसे Flat Antenna बना रहा है जो न केवल छोटे होंगे, बल्कि उनकी Cost भी काफी कम होगी। इस Technology की Demand पूरी दुनिया में हो सकती है।
In-Space के कार्यक्रम में, मैं मेहसाणा की School Student बेटी तन्वी पटेल से भी मिला था। वो एक बहुत ही छोटी Satellite पर काम कर रही है, जो अगले कुछ महीनों में Space में Launch होने जा रही है।
बीते दिनों, हमारे ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता नीरज चोपड़ा फिर से सुर्ख़ियों में छाए रहे। Finland में नीरज ने Paavo Nurmi Games में सिल्वर जीता। यही नहीं, उन्होंने अपने ही Javelin Throw के Record को भी तोड़ दिया।
हाल ही में आयोजित हुए Khelo India Youth Games में भी हमारे खिलाड़ियों ने कई Record बनाए। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में इस बार भी कई ऐसी प्रतिभाएं उभरकर सामने आई हैं, जो बहुत साधारण परिवारों से हैं। इन खिलाड़ियों ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया।
मैं आज, भारत की सर्वाधिक प्रतिभाशाली क्रिकेटरों में से एक मिताली राज की भी चर्चा करना चाहूंगा। उन्होंने, इसी महीने क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की है, जिसने कई खेल प्रेमियों को भावुक कर दिया है। मैं, मिताली को उनके भविष्य के लिए ढ़ेर सारी शुभकामनाएं देता हूं।
'मन की बात' में waste to wealth से जुड़े सफल प्रयासों की चर्चा करते रहे हैं। ऐसा ही एक उदाहरण है, मिजोरम की राजधानी आइजवाल का। नदी को बचाने के लिए काम कर रही संस्था ने, इसी पॉलिथिन से सड़क बनाने का फैसला लिया।
पुडुचेरी के कराईकल में हजारों किलो कचरा हर दिन collect किया जाता है, और उसे segregate किया जाता है। इसमें जो organic कचरा होता है, उससे खाद बनाई जाती है, बाकी दूसरी चीजों को अलग करके, recycle कर लिया जाता है।
हिमाचल प्रदेश में एक अनोखी cycling rally भी चल रही है। स्वच्छता का सन्देश लेकर साइकिल सवारों का एक समूह शिमला से मंडी तक निकला है। पहाड़ी रास्तों पर करीब पौने दो सौ किलोमीटर की ये दूरी, ये लोग, साइकिल चलाते हुए ही पूरी करेंगे। इस समूह में बच्चे और बुज़ुर्ग भी हैं।
हमारे उपनिषदों का एक जीवन मंत्र है- 'चरैवेति, चरैवेति, चरैवेति..., इसका अर्थ है- चलते रहो, चलते रहो... एक समाज के रूप में, हम हमेशा, नए विचारों, नए बदलावों को स्वीकार करके आगे बढ़ते आए हैं। इसके पीछे हमारे सांस्कृतिक गतिशीलता और यात्राओं का बहुत बड़ा योगदान है।
1 जुलाई से भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध यात्रा शुरू होने जा रही है। ओड़िसा में, पुरी की यात्रा से तो हर देशवासी परिचित है, लोगों का प्रयास रहता है कि इस अवसर पर पुरी जाने का सौभाग्य मिले। दूसरे राज्यों में भी जगन्नाथ यात्रा खूब धूमधाम से निकाली जाती हैं। "हमारे ग्रंथों में ‘आषाढस्य द्वितीयदिवसे... रथयात्रा’, इस तरह संस्कृत श्लोकों में वर्णन मिलता है। गुजरात के अहमदाबाद में भी हर वर्ष आषाढ़ द्वितीया से रथयात्रा चलती है। मैं गुजरात में था, तो मुझे भी हर वर्ष इस यात्रा में सेवा का सौभाग्य मिलता था।
मेरे लिए इसलिए भी ये दिन बहुत खास है- मुझे याद है, आषाढ़ द्वितीया से एक दिन पहले, यानी, आषाढ़ की पहली तिथि को हमने गुजरात में एक संस्कृत उत्सव की शुरुआत की थी, जिसमें संस्कृत भाषा में गीत-संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।
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