दिल्ली, भारत। देश में कोरेाना वायरस की महामारी के दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई योजना व अभियान शुरू किए हैं। अब आज शनिवार को ही ग्रामीण भारत में रोजगार मुहैया कराने के लिए PM मोदी ने ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का शुभारंभ किया है।
125 दिनों तक चलेगा ये अभियान :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 20 जून को दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार के खगड़िया जिले के ब्लॉक बेलदौर के गांव तेलिहार से ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ को रिमोट द्वारा लॉन्च किया, जो देश के 116 जिलों में चलाया जाएगा और यह अभियान 125 दिनों का होगा। पीएम मोदी द्वारा शुरू किए गए इस अभियान पर 50 हजार करोड़ रुपये खर्च किया है, इससे कोरोना संकट की वजह से अपने शहरों को लौटे श्रमिकों को फायदा होगा एवं 25000 प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिलेगा।
PM ने शहीद हुए भारतीय जवानों को किया याद :
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में शहीद हुए भारतीय जवानों को याद किया और कहा कि, ''लद्दाख में हमारे वीरों ने जो बलिदान दिया है, मैं गौरव के साथ इस बात का जिक्र करना चाहूंगा कि ये पराक्रम बिहार रेजीमेंट का है, हर बिहारी को इसका गर्व होता है। जिन सैनिकों ने अपना बलिदान दिया है उन्हें मैं श्रद्धांजलि देता हूं।''
कोरोना से सहम गई पूरी दुनिया :
PM मोदी ने कहा, कोरोना का इतना बड़ा संकट, पूरी दुनिया जिसके सामने हिल गई, सहम गई, लेकिन आप डटकर खड़े रहे। भारत के गावों में तो कोरोना का जिस तरह मुकाबला किया है, उसने शहरों को भी बहुत बड़ा सबक दिया है। 6 लाख से ज्यादा गांवों वाला हमारा देश, जिनमें भारत की दो-तिहाई से ज्यादा आबादी, करीब 80-85 करोड़ लोग जहां रहते हैं, उस ग्रामीण भारत में कोरोना के संक्रमण को आपने बहुत ही प्रभावी तरीके से रोका है।
ग्राउंड पर काम करने वाले हमारे साथी, ग्राम प्रधान, आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्कर्स, जीविका दीदी, इन सभी ने बहुत बेहतरीन काम किया है। ये सभी वाहवाही के पात्र हैं, प्रशंसा के पात्र हैं। हमारे देश में भी कई ऐसे लोग हैं जो आपकी पीठ नहीं थपथपाएंगे। कोई पीठ थपथपाए या न थपथपाए, मैं आपकी जय-जयकार करता हूं। आपने अपने हजारों-लाखों लोगों को कोरोना से बचाने का पुण्य किया है। मैं आपको आदरपूर्वक नमन करता हूंप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
गरीब कल्याण के लिए बहुत बड़ा अभियान शुरू :
PM नरेंद्र मोदी ने कहा, आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है। आज गरीब कल्याण के लिए, उसके रोजगार के लिए एक बहुत बड़ा अभियान शुरू हुआ है, ये अभियान हमारे श्रमिक भाई-बहनों के लिए, हमारे गांवों में रहने वाले नौजवानों, बहनों-बेटियों के लिए समर्पित हैं। इनमें से ज्यादातर वो श्रमिक हैं, जो लॉकडाउन के दौरान अपने घर वापस लौटे हैं। वो अपनी मेहनत और हुनर से अपने गाँव के विकास के लिए कुछ करना चाहते हैं! वो जब तक अपने गांव में हैं, अपने गांव को आगे बढ़ाना चाहते हैं, अपने गांव को कुछ देना चाहते हैं।
PM मोदी ने कहीं अभियान से जुड़ी मुख्य बातें :
मेरे श्रमिक साथियों, देश आपकी भावनाओं को भी समझता है और आपकी जरूरतों को भी। आज खगड़िया से शुरू हो रहा गरीब कल्याण रोज़गार अभियान इसी भावना, इसी जरूरत को पूरा करने का बहुत बड़ा साधन है।
बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश और राजस्थान के 116 जिलों में ये अभियान पूरे जोर-शोर से चलाया जाएगा। हमारा प्रयास है कि इस अभियान से श्रमिकों को उनके घर के पास ही रोजगार मिल सके।
मुझे इस कार्यक्रम की प्रेरणा कुछ श्रमिक साथियों से ही मिली। मैंने मीडिया में लॉकडाउन में एक उन्नाब की एक खबर देखी। वहां एक स्कूल को क्वारंटाइन सेंटर बनाया था। वहां रहने वाले श्रमिकों की रंगाई पुताई में मास्टरी थी। उन्होंने स्कूल का अपने-अपने हुनर से कायाकल्प कर दिया।
कितना ही टैलेंट इन दिनों वापस अपने गांव लौटा है। देश के हर शहर को गति और प्रगति देने वाला श्रम और हुनर जब खगड़िया जैसे ग्रामीण इलाकों में लगेगा, तो इससे बिहार के विकास को भी कितनी गति मिलेगी।
गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत आपके गांवों के विकास के लिए, आपको रोजगार देने के लिए 50 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। इस राशि से गांवों में रोजगार के लिए, विकास के कामों के लिए करीब 25 कार्यक्षेत्रों की पहचान की गई है।
आप श्रमेव जयते, श्रम की पूजा करने वाले लोग हैं, आपको काम चाहिए, रोजगार चाहिए। इस भावना को सर्वोपरि रखते हुए ही सरकार ने इस योजना को बनाया है, इस योजना को इतने कम समय में लागू किया है।
सभी श्रमिकों, आप सभी के हुनर की मैपिंग की भी शुरुआत की गई है। गांव में ही आपके हुनर की पहचान की जाएगी, ताकि आपके कौशल के मुताबिक आपको काम मिल सके। आप जो काम करना जानते हैं, उस काम के लिए जरूरतमंद खुद आपके पास पहुंच सकेगा।
आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से हुई थी। इस योजना पर कुछ ही सप्ताह के भीतर करीब पौने 2 लाख करोड़ रुपए खर्च किए गए। इन तीन महीनों में 80 करोड़ गरीबों तक राशन-दाल पहुंचाने का काम हुआ है।
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