दिल्ली, भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सोमवार को 2,312 किलोमीटर लंबे चेन्नई-अंडमान निकोबार द्वीप समूह (CANI) सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) परियोजना का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "नेता जी सुभाषचंद्र बोस को नमन करते हुए करीब डेढ़ वर्ष पहले मुझे सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल परियोजना के शुभारंभ का अवसर मिला था। मुझे खुशी है कि अब इसका काम पूरा हुआ है और आज इसके लोकार्पण का भी सौभाग्य मुझे मिला है।
अंडमान-निकोबार के लोगों को PM ने दी बधाई :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर, पोर्ट ब्लेयर से लिटिल अंडमान और पोर्ट ब्लेयर से स्वराज द्वीप तक, अंडमान निकोबार के एक बड़े हिस्से में ये सेवा आज से शुरु हो चुकी है। मैं अंडमान-निकोबार के लोगों को अनंत अवसरों से भरी इस कनेक्टिविटी के लिए बधाई देता हूं।
हमारा समर्पण रहा है कि राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े बॉर्डर एरिया और समुद्री सीमा से जुड़े क्षेत्रों का तेजी से विकास हो। अंडमान निकोबार को बाकी देश और दुनिया से जोड़ने वाला ये ऑप्टिकल फाइबर प्रोजेक्ट, Ease of Living के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक हैप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
आगे उन्होंने यह बात भी कही कि, अब अंडमान निकोबार के लोगों को भी मोबाइल कनेक्टिविटी और तेज इंटरनेट की वही सस्ती और अच्छी सुविधाएं मिल पाएगी, जिसके लिए आज पूरी दुनिया में भारत अग्रणी है। हिंद महासागर हजारों वर्षों से भारत के व्यापारिक और सामरिक सामर्थ्य का सेंटर रहा है। अब जब भारत Indo-Pacific में व्यापार-कारोबार और सहयोग की नई नीति और रीति पर चल रहा है, तब अंडमान-निकोबार सहित हमारे तमाम द्वीपों का महत्व और अधिक बढ़ गया है।
आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा भारत :
PM मोदी ने कहा, आइलैंड के बीच और बाकी देश से वाटर कनेक्टिविटी की सुविधा को बढ़ाने के लिए कोची शिपयार्ड में जो 4 जहाज बनाए जा रहे हैं, उनकी डिलिवरी भी आने वाले कुछ महीनों में हो जाएगी। आज जब भारत आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में, ग्लोबल सप्लाई और वैल्यू चैन के एक अहम प्लेयर के रूप में खुद को स्थापित करने में जुटा है, तब हमारे वाटरवेस और हमारे पोर्ट्स के नेटवर्क को सशक्त करना बहुत ज़रूरी है।
अब ग्रेट निकोबार में करीब 10 हजार करोड़ की संभावित लागत से ट्रांसिप्मेंट पोर्ट के निर्माण का प्रस्ताव है। कोशिश है कि, आने वाले 4-5 साल में इसके पहले फेस को बनाकर तैयार कर लिया जाए। एक बार जब ये पोर्ट बनकर तैयार हो जाएगा तो यहां बड़े-बड़े जहाज़ भी रुक पाएंगे।
देश को मिलेगा हाई-स्पीड इंटरनेट :
इससे देश को हाई-स्पीड इंटरनेट मिलेगा, समुद्र के भीतर बिछी यह केबल पोर्ट ब्लेयर को स्वराज दीप (हैवलॉक), लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कामोरता, ग्रेट निकोबार, लांग आईलैंड और रंगट को भी जोड़ेगा। बता दें कि, परियोजना की आधारशिला वर्ष 2018 में 30 दिसंबर को पोर्ट ब्लेयर में रखी गई थी।
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