हाइलाइट्स :
दिल्ली के लाल किले पर PM मोदी ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया
स्वतंत्रता दिवस समारोह में PM मोदी का देश के नाम संबोधन
PM मोदी ने लाल किले पर 10वीं बार तिरंगा फहराया।
77th Independence Day: देश आज मंगलवार (15 अगस्त) को 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के लाल किले पर पहुंंचकर राष्ट्रीय ध्वज फहराया, यह 10वीं बार है, जब PM द्वारा लाल किले पर ध्वजारोहण किया गया हो। इसके बाद वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने फूलों की वर्षा की।
स्वतंत्रता दिवस समारोह में PM मोदी का संबोधन :
लाल किले पर PM नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराएं जाने के बाद स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित कर देश के नाम संबोधन दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, इतना बड़ा देश, 140 करोड़ मेरे भाई-बहन, मेरे परिवारजन... आज आजादी का पर्व मना रहे हैं। मैं देश के कोटि-कोटि जनों को, देश और दुनिया में भारत को प्यार करने वाले, भारत का सम्मान करने वाले कोटि-कोटि जनों को इस महान पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और अब जनसंख्या के मामले में भी अग्रणी देश। इतना बड़ा देश, मेरे परिवार के 140 करोड़ सदस्य आज स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। मैं भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान देने वाले सभी बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
मणिपुर पर बोले PM मोदी :
आगे उन्होंने यह भी कहा, इस बार प्राकृतिक आपदा ने देश के कई हिस्सों में अकल्पनीय संकट पैदा कर दिया है। मैं इसका सामना करने वाले सभी परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। कुछ दिनों से मणिपुर से लगातार शांति की खबर आ रही है,देश मणिपुर के लोगों के साथ है...समाधान केवल शांति से ही पाया जा सकता है। केंद्र और राज्य सरकार समाधान के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
आज हमारे पास जन सांख्यिकी, लोकतंत्र और विविधता है - ये तीनों मिलकर देश के सपनों को साकार करने की क्षमता रखते हैं। जनसांख्यिकी, लोकतंत्र और विविधता की त्रिमूर्ति देश के सपनों को साकार करने की शक्ति रखती है। मैं पिछले 1000 वर्षों की बात इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मैं देख रहा हूं कि देश के सामने एक बार फिर अवसर है। अभी हम जिस युग में जी रहे हैं इस युग में हम जो करेंगे, जो कदम उठाएंगे और एक के बाद एक जो निर्णय लेंगे, वह स्वर्णिम इतिहास को जन्म देगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
PM मोदी के भाषण की प्रमुख बातें-
देश में अवसरों की कोई कमी नहीं है। देश में अनंत अवसर प्रदान करने की क्षमता है। कोविड-19 महामारी के बाद एक नई विश्व व्यवस्था, एक नया भू-राजनीतिक समीकरण बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। भू-राजनीति की परिभाषा बदल रही है। आज नई विश्व व्यवस्था को आकार देने में 140 करोड़ लोगों की क्षमता देखी जा सकती है। सुधार, निष्पादन और परिवर्तन से देश बदल रहा है।
आज भारत को G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी का अवसर प्राप्त हुआ है। बीते वर्ष में जिस प्रकार भारत के कोने-कोने में G20 के अनेक आयोजन हुए, उससे दुनिया को भारत के सामान्य जन के सामर्थ्य, भारत की विविधता का परिचय हुआ है।
2014 में जब हम सत्ता में आए तो वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में हम 10वें स्थान पर थे। आज 140 करोड़ भारतीयों के प्रयास से हम वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में पांचवें स्थान पर पहुंच गए हैं। यह ऐसे ही नहीं हुआ जब भ्रष्टाचार के राक्षस ने देश को अपनी गिरफ्त में ले लिया था तब हमने इसे रोका और एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाई।
सरकार अगले महीने पारंपरिक कौशल वाले लोगों के लिए 13,000 से 15,000 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ विश्वकर्मा योजना शुरू करेगी। हमने देश में महंगाई पर काबू पाने के लिए कई कदम उठाए हैं और इस दिशा में हमारा प्रयास जारी रहे।
25 साल से देश में चर्चा चल रही थी कि नया संसद भवन बनेगा। यह मोदी है जिसने समय के पहले संसद बनाकर रख दिया। यह एक ऐसी सरकार है जो काम करती है, जो निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करती है। ये नया भारत है। यह एक ऐसा भारत है जो आत्मविश्वास से भरा है...ये भारत ना रुकता है, ना थकता है, ना हंफ्ता है और ना ही हारता है।
भ्रष्टाचार ने हमारे देश को दीमक की तरह नोंच लिया है...लेकिन ये मोदी के जीवन का कमिटमेंट है...कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहूंगा। दूसरा, परिवारवाद ने हमारे देश को नोंच लिया है। इस परिवारवाद जिस तरह से देश को जकड़ के रखा है, इसने लोगों का हक छीना है। तीसरी बुराई तुष्टिकरण की है। इस तुष्टिकरण ने देश की मूलभूत चिंतन को, हमारे राष्ट्रीय चरित्र को दाग लगा दिए हैं। तहस-नहस कर दिया है। इसलिए हमें इन बुराइयों...भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण के साथ पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ना है।
हमने देश के सीमावर्ती गाँवों के लिए Vibrant Border Village का कार्यक्रम शुरू किया है। अब तक सीमावर्ती गांव को कहा जाता था कि वह देश का आखिरी गांव है। हमने उस सोच को बदला है, वह देश का आखिरी गांव नहीं है! सीमा पर जो नजर आ रहा है, वह देश का पहला गांव है।
अगर सपनों को सिद्ध करना है और संकल्प को पार करना है तो हमें तीन बुराइयों से लड़ना होगा। पहली लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है, दूसरी लड़ाई परिवारवाद के खिलाफ है और तीसरी लड़ाई तुष्टिकरण के खिलाफ है।
हमें वो भारत बनाना है...जो पूज्य बाबू के सपनों का था, जो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का सपना था। जो हमारे वीर शहीदों का था, जो हमारी वीरांगनाओं का था। जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना जीवन दे दिया था।
अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से मैं आपको देश की उपलब्धियां, आपके सामर्थ्य, आपके संकल्प, उसमें हुई प्रगति, उसकी सफलता और गौरवगान... पूरे आत्मविश्वास से आपके सामने प्रस्तुत करूंगा।
यह मोदी की गारंटी है कि भारत अगले 5 वर्षों में दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में अपनी जगह बनाएगा।
मैं आप में से आता हूं, मैं आपके बीच से निकला हूं, मैं आपके लिए जीता हूं। अगर मुझे सपना भी आता है तो आपके लिए आता है, अगर मैं पसीना भी बहाता हूं तो आपके लिए बहाता हूं। इसलिए नहीं कि आपने मुझे ये दायित्व दिया, ये मैं इसलिए कर रहा हूं क्योंकि आप मेरे परिवारजन हैं और मैं आपके किसी दुख को नहीं देख सकता हूं।
हमने कठोर परिश्रम किया है, देश के लिए किया है, शान से किया है। सिर्फ और सिर्फ nation first, राष्ट्र सर्वोपरि...इस भावना से किया है।
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