दिल्ली, भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 25 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों के राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन को संबोधित किया।
राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- अमृतकाल में विकसित भारत के निर्माण के लिए हमारे जो सपने हैं, जो आकांक्षाएँ हैं, उन्हें साकार करने में भारत की श्रम शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है। इसी सोच के साथ देश संगठित और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों श्रमिक साथियों के लिए निरंतर काम कर रहा है।
प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, जैसे अनेक प्रयासों ने श्रमिकों को एक तरह का सुरक्षा कवच दिया है। ऐसी योजनाओं की वजह से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के मन में ये भाव जगा है कि, देश उनके श्रम का भी उतना ही सम्मान करता है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
हम देख रहे हैं कि, जैसे जरूरत के समय देश ने अपने श्रमिकों का साथ दिया, वैसे ही इस महामारी से उबरने में श्रमिकों ने भी पूरी शक्ति लगा दी है। आज भारत फिर से दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ कर रही अर्थव्यवस्था बना है, तो इसका बहुत बड़ा श्रेय हमारे श्रमिकों को ही जाता है।
देश के हर श्रमिक को सामजिक सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए किस तरह काम हो रहा है उसका एक उदाहरण ई-श्रम पोर्टल भी है। ये पोर्टल पिछले वर्ष शुरू किया गया था, ताकि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए आधार से जुड़ा नेशनल डेटाबेस बन सके। एक वर्ष में ही इस पोर्टल से 400 अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले करीब 28 करोड़ श्रमिक जुड़ चुके हैं।
बीते 8 वर्षों में हमने देश में गुलामी के दौर के और गुलामी की मानसिकता वाले कानूनों को खत्म करने का बीड़ा उठाया है। देश अब ऐसे लेबर कानूनों को बदल रहा है, रिफॉर्म कर रहा है, उन्हें सरल बना रहा है। इसी सोच से, 29 लेबर कानूनों को 4 सरल लेबर कोड्स में बदला गया है।
देश का श्रम मंत्रालय अमृतकाल में वर्ष 2047 के लिए अपना विजन भी तैयार कर रहा है। भविष्य की जरूरत है- flexible work places, work from home ecosystem. भविष्य की जरूरत है- flexi work hours.
हम flexible work place जैसी व्यवस्थाओं को महिला श्रमशक्ति की भागीदारी के लिए अवसर के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इस 15 अगस्त को लाल किले से मैंने देश की नारीशक्ति की संपूर्ण भागीदारी का आह्वान किया है।
आधार से जुड़ा एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए असंगठित क्षेत्र के लिए पिछले साल ई-श्रम पोर्टल शुरू किया गया था। महज एक साल में 28 करोड़ कर्मचारी इससे जुड़ गए हैं। इससे निर्माण श्रमिकों, प्रवासी श्रमिकों और घरेलू कामगारों को विशेष रूप से लाभ हुआ है।
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