PM मोदी का संबोधन Social Media
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स्वच्छ भारत मिशन जैसे अभियान में हमारे मीडिया ने सकारात्मक भूमिका निभाई है: PM मोदी

असम में अग्रदूत अखबार समूह के 50वें वर्षगांठ समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए और दिया यह संबोधन...

Priyanka Sahu

दिल्ली, भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 6 जुलाई को वर्चुअल माध्यम से असम में अग्रदूत अखबार समूह के 50वें वर्षगांठ समारोह का उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए।

इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समाचार पत्रों के अग्रदूत समूह के स्वर्ण जयंती समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा- डेका जी के मार्गदर्शन में दैनिक अग्रदूत ने सदैव राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा। इमरजेंसी के दौरान भी जब लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला हुआ, तब भी दैनिक अग्रदूत और डेका जी ने पत्रकारीय मूल्यों से समझौता नहीं किया। बीते कुछ दिनों से असम बाढ़ के रूप में बड़ी चुनौती और कठिनाइयों का सामना भी कर रहा है। असम के अनेक जिलों में सामान्य जीवन बहुत अधिक प्रभावित हुआ है। हिमंता जी और उनकी टीम राहत और बचाव के लिए दिनरात बहुत मेहनत कर रही है।

मेरी भी समय-समय पर इसको लेकर बातचीत होती रहती है। मैं आज असम के लोगों को, अग्रदूत के पाठकों को ये भरोसा दिलाता हूं केंद्र और राज्य सरकार मिलकर, उनकी मुश्किलें कम करने में जुटी हैं।दैनिक अग्रदूत के पिछले 50 वर्षों की यात्रा असम में हुए बदलाव की कहानी सुनाती है। जन आंदोलनों ने इस बदलाव को साकार करने में अहम भूमिका निभाई है। जन आंदोलनों ने असम की सांस्कृतिक विरासत और असमिया गौरव की रक्षा की। और अब जन भागीदारी की बदौलत असम विकास की नई गाथा लिख रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
गुलामी के लंबे कालखंड में भारतीय भाषाओं के विस्तार को रोका गया, और आधुनिक ज्ञान-विज्ञान, रिसर्च को इक्का-दुक्का भाषाओं तक सीमित कर दिया गया। भारत के बहुत बड़े वर्ग की उन भाषाओं तक, उस ज्ञान तक access ही नहीं था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
  • जब संवाद होता है, तब समाधान निकलता है। संवाद से ही संभावनाओं का विस्तार होता है। इसलिए भारतीय लोकतंत्र में ज्ञान के प्रवाह के साथ ही सूचना का प्रवाह भी अविरल बहा है और निरंतर बह रहा है।

  • आज़ादी के 75 वर्ष जब हम पूरा कर रहे हैं, तब एक प्रश्न हमें ज़रूर पूछना चाहिए। Intellectual space किसी विशेष भाषा को जानने वाले कुछ लोगों तक ही सीमित क्यों रहना चाहिए? ये सवाल सिर्फ इमोशन का नहीं है, बल्कि scientific logic का भी है। यानि Intellect का, expertise का दायरा निरंतर सिकुड़ता गया, जिससे invention और innovation का pool भी limited हो गया।

  • कोई भी भारतीय best information, best knowledge, best skill और , best opportunity से सिर्फ भाषा के कारण वंचित ना रहे, ये हमारा प्रयास है। इसलिए हमने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं में पढ़ाई को प्रोत्साहन दिया।

  • स्वच्छ भारत मिशन जैसे अभियान में हमारे मीडिया ने जो सकारात्मक भूमिका निभाई है, उसकी पूरे देश और दुनिया में आज भी सराहना होती है। इसी तरह, अमृत महोत्सव में देश के संकल्पों में भी आप भागीदार बन सकते हैं।

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