उत्तराखंड, भारत। माणा गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास करने के बाद यहां जनसभा को संबोधित किया। दरअसल, उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गौरीकुंड को केदारनाथ और गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ने वाली दो नई रोपवे परियोजनाओं सहित 3400 करोड़ रुपये से अधिक की कनेक्टिविटी परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
CM पुष्कर सिंह धामी ने कहा :
इस मौके पर पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता की ओर से माणा में हार्दिक स्वागत करता हूं। यह हमारा सौभाग्य है कि हमें आज प्रधानमंत्री जी का सानिध्य प्राप्त हो रहा है। हमें गर्व है कि हम प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में उस यात्रा के सहभागी हैं, जिसमें उनका लक्ष्य भारत को विश्व को श्रेष्ठ देश बनाना है। प्रधानमंत्री जी का उत्तराखण्ड के प्रति लगाव किसी से छिपा नहीं है। प्रदेश में आज विभिन्न विकास योजनाएं आपके नेतृत्व में चल रही हैं। आज प्रधानमंत्री जी ने अनेक योजनाओं का शिलान्यास किया है।
प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में अयोध्या में राम मंदिर का पुनर्निर्माण हो रहा है। काशी में बाबा विश्वनाथ के मंदिर को जाने वाला रास्ता भी सुदृढ़ हो गया है। कुछ दिन पूर्व ही प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में महाकाल लोक का निर्माण भी पूरा हो गया है। प्रधानमंत्री जी ने पिछले साल बाबा केदार की भूमि से कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा। आज प्रधानमंत्री जी की ये बातें सिद्ध हो रही हैं। इस साल रिकॉर्ड श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा की है।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
जनसभा में PM मोदी का संबोधन :
जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- आज बाबा केदार और बद्री विशाल जी के दर्शन करके मन प्रसन्न हो गया, जीवन धन्य हो गया। माणा गांव, भारत के अंतिम गांव के रूप में जाना जाता है। लेकिन मेरे लिए सीमा पर बसा हर गांव, देश का पहला गांव है। 21वीं सदी के विकसित भारत के निर्माण के दो प्रमुख स्तंभ हैं। पहला- अपनी विरासत पर गर्व, दूसरा- विकास के लिए हर संभव प्रयास।
देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर मैंने लाल किले पर एक आह्वान किया, ये आह्वान है गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह मुक्ति का। क्योंकि आजादी के इतने वर्षों बाद भी, हमारे देश को गुलामी की मानसिकता ने ऐसा जकड़ा हुआ है कि प्रगति का कुछ कार्य कुछ लोगों को अपराध की तरह लगता है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
विदेशों में वहां की संस्कृति से जुड़े स्थानों की ये लोग तारीफ करते नहीं थकते थे, लेकिन भारत में इस प्रकार के काम को हेय दृष्टि से देखा जाता था। आस्था के ये केंद्र सिर्फ एक ढांचा नहीं, बल्कि हमारे लिए प्राणवायु की तरह हैं। वो हमारे लिए ऐसे शक्तिपुंज हैं, जो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी हमें जीवंत बनाए रखते हैं।
विकास के इन सभी प्रोजेक्ट्स के लिए, उत्तराखंड को और देश-विदेश के हर श्रद्धालु को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। गुरुओं की कृपा बनी रहे, बाबा केदार की कृपा बनी रहे, बद्री विशाल की कृपा बनी रहे, हमारे सभी श्रमिक साथियों को भी शक्ति मिले, यही प्रार्थना करते हैं।
अयोध्या में इतना भव्य राममंदिर बन रहा है, गुजरात के पावागढ़ में मां कालिका के मंदिर से लेकर विन्ध्याचल देवी के कॉरिडोर तक, भारत अपने सांस्कृतिक उत्थान का आह्वान कर रहा है।
पहले जिन इलाकों को देश की सीमाओं का अंत मानकर नजरअंदाज किया जाता था, हमने वहां से समृद्धि का आरंभ मानकर काम शुरू किया। पहले देश का आखिरी गांव जानकर जिसकी उपेक्षा की जाती थी, हमने वहां के लोगों की अपेक्षाओं पर फोकस किया।
पहले देश के विकास में जिनके योगदान को महत्व नहीं दिया गया, हमने उन्हीं को साथ लेकर प्रगति के महान लक्ष्यों की ओर बढ़ने का संकल्प लिया।
एक संवेदनशील सरकार, गरीबों का दुख-दर्द समझने वाली सरकार कैसे काम करती है, आज देश के हर कोने में लोग अनुभव कर रहे हैं। कोराना काल में जब वैक्सीन लगवाने की बारी आई, अगर पहले की सरकारें होती, तो शायद अभी तक वैक्सीन यहां तक नहीं आता।
हिमालय की हरी भरी पहाड़ियों पर रेल गाड़ी की आवाज उत्तराखंड के विकास की नई गाथा लिखेगी। देहरादून एयरपोर्ट भी अब नए अवतार में सेवा दे रहा है।
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