दिल्ली, भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'शहरी योजना, विकास और स्वच्छता' पर बजट के बाद वेबिनार को संबोधित किया।
आने वाले समय में अनेकों नए शहर बनने वाले हैं :
वेबिनार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- 21वीं सदी में जिस तरह भारत तेज गति से विकास कर रहा है आने वाले समय में अनेकों नए शहर बनने वाले हैं। ऐसे में भारत में अर्बन डेवलपमेंट के प्रमुख पक्ष हैं- नए शहरों का विकास और पुराने शहरों में पुरानी व्यवस्थाओं का आधुनिकीकरण। ये दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद हमारे देश में एक्का-दुक्का ही Planned City बने। आजादी के 75 वर्षों में देश में 75 नए और बड़े Planned City बने होते तो आज भारत की तस्वीर कुछ और ही होती।
अमृतकाल में urban planning ही हमारे शहरों का भाग्य निर्धारित करेगी और भारत के Well planned शहर ही भारत के भाग्य को निर्धारित करेंगे। जब प्लानिंग बेहतर होगी तभी तो हमारे शहर Climate Resilient और Water Secure बनेंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
हमारी सरकार ने बजट में शहरी विकास पर विशेष ध्यान दिया है :
आगे उन्होंने यह भी कहा कि, ''हमारी सरकार ने अपने प्रत्येक बजट में शहरी विकास पर विशेष ध्यान दिया है; वर्तमान बजट में इसके लिए महत्वपूर्ण राशि स्वीकृत की गई है और मुझे पूरी उम्मीद है कि यह देश में एक अच्छी योजना और एक सुव्यवस्थित शहरी क्षेत्र की शुरूआत करेगा।''
शहरी नियोजन और शहरी शासन, दोनों ही शहरी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। संबंधित प्रक्रियाओं का अनुचित संगठन या अकुशल कार्यान्वयन राष्ट्र के विकास के मार्ग में एक बड़ी बाधा के रूप में सामने आता है।
विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों के विकास को सुनिश्चित करते हुए, शहरी क्षेत्रों में रहने वालों के विकास को सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता है।
आज भारत circular economy को urban development का बड़ा आधार बना रहा है। हमारे देश में हर दिन हजारों टन municipal waste पैदा होता है। 2014 में देश में सिर्फ 14-15% waste processing होती थी, आज 75% waste process हो रहा है। अगर ये पहले हो गया होता तो हमारे शहरों के किनारे कूड़े के पहाड़ों से ना भरे होते।
हमारे नए शहर कचरा मुक्त होने चाहिए, water secure होने चाहिए और climate resilient होने चाहिए। इसके लिए हमें टियर 2 और टियर 3 शहरों में urban infrastructure और प्लानिंग में निवेश बढ़ाना होगा।
इस वर्ष के बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 80,000 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। जब भी एक घर का निर्माण होता है, तो यह सीमेंट, पेंट, फर्नीचर जैसे अन्य संबंधित व्यवसायों के विकास पथ में भी ऊर्जा का संचार करता है। इस प्रकार, हमें सकारात्मक प्रभावों की कल्पना करनी चाहिए, इन कदमों का अर्थव्यवस्था पर समग्र रूप से प्रभाव पड़ेगा।
आज, शहरी विकास में भविष्य की तकनीकों की भूमिका काफी बढ़ गई है; हमारे स्टार्टअप्स और उद्योगों को सरकार की चल रही संबद्ध नीतियों का लाभ उठाते हुए भी इसे ध्यान में रखना चाहिए। सस्टेनेबल टेक्नोलॉजीज से लेकर सस्टेनेबल सिटीज तक, हमें समाधान खोजने की जरूरत है।
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