दिल्ली, भारत। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की वार्षिक बैठक 2021 में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए और CII की वार्षिक बैठक को संबोधित किया।
महामारी के दौर में आज की ये बैठक बहुत अहम :
CII की वार्षिक बैठक 2021 में PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा- वैश्विक महामारी के इस दौर में आज की ये बैठक बहुत अहम है। मास्क, PPE किट, वेंटिलेटर से लेकर, टीकाकरण तक, देश को जो भी जरूरत पड़ी, जब भी जरूरत पड़ी, उद्योगों ने आगे बढ़कर हर संभव योगदान दिया। CII की ये बैठक इस बार 75वें स्वतंत्रता दिवस के माहौल में, आजादी के अमृत महोत्सव के बीच हो रही है। ये बहुत बड़ा अवसर है, भारतीय उद्योग जगत के नए संकल्पों के लिए, नए लक्ष्यों के लिए। आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता का बहुत बड़ा दायित्व, भारतीय उद्योगों पर है।
आईटी सेक्टर में रिकॉर्ड हाइरिंग से संबंधित रिपोर्ट भी हमने देखी है। ये देश में डिजिटलीकरण और डिमांड की ग्रोथ का ही परिणाम है। ऐसे में हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम इन अवसरों का उपयोग करते हुए, अपने लक्ष्यों की ओर दो गुनी गति से बढ़ें। आज का नया भारत, नई दुनिया के साथ चलने के लिए तैयार है, तत्पर है। जो भारत कभी विदेशी निवेश से आशंकित था, आज वो हर प्रकार के निवेश का स्वागत कर रहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
PM मोदी के संबोधन की प्रमुख बातें-
सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों से भारत में रिकॉर्ड एफडीआई आया है। हम एफपीआई में भी नए रिकॉर्ड बना रहे हैं और विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के उच्चतम स्तर पर है।
आज भारतीय भारत में बने उत्पादों में विश्वास करते हैं। देश के लोगों ने अपना मन बना लिया है और उद्योग क्षेत्र को इसके अनुसार अपनी नीतियां और रूपरेखा तैयार करने की जरूरत है। यह आप सभी को आत्म निर्भर भारत की ओर ले जाने में मदद करेगा।
एक समय था जब हमें लगता था कि जो कुछ भी विदेशी है, वही बेहतर है। इस psychology का परिणाम क्या हुआ, ये आप जैसे industry के दिग्गज भलीभांति समझते हैं। हमारे अपने ब्रांड भी, जो हमने सालों की मेहनत के बाद खड़े किए थे, उनको विदेशी नामों से ही प्रचारित किया जाता था।
आज स्थिति तेजी से बदल रही है। आज देशवासियों की भावना, भारत में बने प्रोडक्ट्स के साथ है। कंपनी भारतीय हो, ये जरूरी नहीं, लेकिन आज हर भारतीय, भारत में बने प्रोडक्ट्स को अपनाना चाहता है।
स्टार्ट अप आत्मविश्वास दिखा रहे हैं। कई गेंडा राष्ट्र की छवि बन रहे हैं। 7-8 साल पहले, भारत में शायद सिर्फ 3-4 गेंडा हुआ करते थे। आज भारत में लगभग 60 गेंडे हैं! इन 60 में से 21 को पिछले कुछ महीनों में विकसित किया गया है।
आज देश में वो सरकार है जो राष्ट्र हित में बड़े से बड़ा रिस्क उठाने के लिए तैयार है। GST तो इतने सालों तक अटका ही इसलिए क्योंकि जो पहले सरकार में वो political risk लेने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। हमने न सिर्फ GST लागू किया बल्कि आज हम record GST collection होते देख रहे हैं।
मेक इन इंडिया के साथ-साथ एक्सपोर्ट और रोजगार को गति देने के लिए देश ने प्रभावी PLI स्कीम भी शुरू की हैं। ये सभी रिफॉर्म इसलिए हो रहे हैं, क्योंकि आज देश में जो सरकार है वो रिफॉर्म compulsion में नहीं कर रही, बल्कि ये हमारे लिए conviction का विषय है।
हमारी इंडस्ट्री पर देश के विश्वास का ही नतीजा है कि, आज इज ऑफ डूइंग बिजनेस (ease of doing business) बढ़ रहा है और इज ऑफ लिविंग (ease of living) में इजाफा हो रहा है। कंपनीज एक्ट में किए गए बदलाव इसका बहुत बड़ा उदाहरण हैं।
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