उत्तराखंड, भारत। उत्तराखंड के श्रीनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'विजय संकल्प सभा' को संबोधित किया।
केदारनाथ और बद्रीनाथ सच्ची इच्छा को पूरा कर ही देते हैं :
विजय संकल्प सभा को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा- जब वर्चुअल रैली होती है और पिछले दिनों वर्चुअल रैली के माध्यम से आपसे मिलता तो था। मैं दिल्ली में होता जरूर था, लेकिन मेरा मन उत्तराखंड के लिए ही भागता था। जब मनोरथ सच्चा हो तो बाबा केदारनाथ और बद्रीनाथ जी सच्ची इच्छा को पूरा कर ही देते हैं। उनके आशीर्वाद से चुनाव आयोग ने भी और मौसम ने भी मुझे आपके बीच आने और आपके दर्शन करने का सौभाग्य दिया।
कल ही उत्तराखंड भाजपा ने अपना संकल्प पत्र जारी किया है। ये संकल्प पत्र, इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा। इसमें उत्तराखंड के विकास के लिए, यहां के युवाओं, महिलाओं, किसानों, सभी के लिए नए संकल्प लिए गए हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
PM मोदी ने बताया कि, "उत्तराखंड का हर नागरिक जानता है कि मेरा इस देवभूमि से मेरा नाता क्या है,मेरा लगाव कितना है। 2019 में चुनाव का आखिरी दौर चल रहा था, मैं खुद काशी से चुनाव लड़ रहा था, वहां मतदान होना था। लेकिन बाबा केदार ने मुझे पुकारा और मैं यहां चला आया था। ये देवभूमि के प्रति मेरी भक्ति और लगाव है, यहां से सदा सर्वदा एक ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है।"
उत्तराखंड के लोगों ने हमेशा सजग प्रहरी की तरह देश की रक्षा की है। आज पौड़ी गढ़वाल के ऐसे ही वीर सपूत जनरल बिपिन रावत जी की स्मृतियां मुझे भावुक कर रही हैं। उन्होंने देश का दिखाया कि उत्तराखंड के लोगों के पास न केवल पहाड़ जैसा साहस होता है बल्कि हिमालय जैसी ऊंची सोच भी होती है।
मेरे मन में एक गहरी तकलीफ़ भी है। मुझे ये ज़िक्र इसलिए भी करना पड़ रहा है क्योंकि काँग्रेस पार्टी अपने प्रचार में जनरल बिपिन रावत जी के कट आउट लगाकर, उनकी फोटो लगाकर वोट मांग रही है। कुर्सी के लिए कोई इस सीमा तक जा सकता है, मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा।
उत्तराखंड की धरोहर को बचाने और यहां हेरिटेज टूरिज्म को गांव-गांव पहुंचाने पर भी जोर है। मैं धामी जी और उत्तराखंड भाजपा की पूरी टीम को बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूं। इसमें गरीब बहनों को ताकत देने का समाधान है। इसमें जिला मेडिकल कॉलेज या उसके जैसी सुविधा देने का संकल्प है। कृषि भूमि सर्वेक्षण और बीमा में नई ड्रोन नीति लागू करके यहां के किसानों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
आज अगर वोट के लिए ये लोग जनरल रावत का सियासी इस्तेमाल करना चाह रहे हैं, तो उन्हें जवाब देने की जिम्मेदारी उत्तराखंड के लोगों की है।
इन लोगों ने जनरल रावत को देश का पहला सीडीएस बनाए जाने पर भी खूब सियासत की थी। इसी काँग्रेस पार्टी के नेता ने बिपिन रावत जी को सड़क का गुंडा तक कह डाला था। ये है देश के सैनिकों के लिए इन लोगों की नफरत।
उत्तराखंड के लोग कभी भूल नहीं सकते, सेना को लेकर इन लोगों का रवैया क्या रहा है। जब भारत के वीरों ने आतंकी अड्डों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी, तो ये लोग सेना पर सवाल उठा रहे थे। दिल्ली के कुछ नेताओं ने तो बाकायदा टीवी पर आकर सेना से सबूत मांगे थे।
इतने सालों तक ये सत्ता में थे, लेकिन ‘वन रैंक वन पेंशन’ को लेकर झूठ बोलते रहे। ये हमारी ही सरकार है जिसने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ की व्यवस्था लागू की। ये भी भाजपा सरकार ही है, जो देहरादून में उत्तराखंड के शहीदों के सम्मान में ‘सैन्य धाम’ बना रही है।
इन पांच सालों में उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार ने इतना काम किया है कि अब ब्रेक लगाने वालों को भी वही वादे करने पड़ रहे हैं जो भाजपा की सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है।
जब अलग उत्तराखंड राज्य बना था। अटल बिहारी वाजपेयी ने आपके सपनों को साकार करने के लिए बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय लिया था, तो है संकल्प उत्तराखंड के लोगों और भाजपा ने मिलकर पूरा किया था। उत्तराखंड के लिए सपनें भी हमने मिलकर देखे थे।
दुर्भाग्य से इस प्रदेश की कमान कई साल के लिए उनके हाथों में चली गई जिन्होंने हमेशा उत्तराखंड को अस्तित्व में आने से रोका था। उन्होंने हमारे सपनों को कुचलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। जब दोनों जगह उनकी सरकार थी, तब उत्तराखंड को डबल ब्रेक लगाकर हर तरफ से पीछे धकेला गया।
जब ये सत्ता में थे, तब इनको कभी ‘चारधाम’ की याद नहीं आई। जिन्हें यहाँ आस्था ही नहीं, उन्हें भी अब चारधाम की याद क्यों आ रही है? क्योंकि, उन्हें ये कुर्सी हासिल करने का रास्ता लग रहा है। जबकि भाजपा के लिए चारधाम और देवभूमि का विकास आस्था, संस्कृति और जनसेवा का विषय है।
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