राज एक्सप्रेस। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संकटकाल के बीच आज 2 जून को कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) की 125वीं सालगिरह के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संबोधन दिया और अपने विचार साझा किए।
सबसे पहले अपने संबोधन के शुरूआत में PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ''ये इंसान की सबसे बड़ी ताकत होती है कि, वो हर मुश्किल से बाहर निकलने का रास्ता बना ही लेता है। आज भी हमें जहां एक तरफ इस वायरस से लड़ने के लिए सख्त कदम उठाने हैं। वहीं दूसरी तरफ इकॉनमी का भी ध्यान रखना है। हमें एक तरफ देशवासियों का जीवन बचाना है, तो दूसरी तरफ देश की अर्थव्यवस्था को भी स्टेबलाइज, स्पीड अप करना है।''
भारतीय उद्योग जगत बधाई के पात्र :
पीएम मोदी ने कहा आगे ये भी कहा कि, इस Situation में आपने “गेटिंग ग्रोथ बैक” की बात शुरू की है और निश्चित तौर पर इसके लिए भारतीय उद्योग जगत के लोग बधाई के पात्र हैं। कोरोना के खिलाफ इकोनॉमी को फिर से मजबूत करना, हमारी उच्च प्राथमिकता में से एक है। इसके लिए सरकार जो फैसले अभी तुरंत लिए जाने जरूरी हैं, वो ले रही है। साथ में ऐसे भी फैसले लिए गए हैं, जो लॉन्ग रन में देश की मदद करेंगे। महिलाएं, दिव्यांग, बुजुर्ग, श्रमिक हों हर किसी को इससे लाभ मिला है।
लॉकडाउन के दौरान सरकार ने गरीबों को 8 करोड़ से ज्यादा गैस सिलेंडर उज्ज्वला योजना के अंतर्गत मुफ्त में बांटे गए हैं। सरकार आज ऐसे पॉलिसी Reforms भी कर रही है, जिनकी देश ने उम्मीद भी छोड़ दी थी। अगर मैं Agriculture सेक्टर की बात करूं तो हमारे यहां आजादी के बाद जो नियम-कायदे बने, उसमें किसानों को बिचौलियों के हाथों में छोड़ दिया गया था।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
पीएम मोदी ने कहा- ''हमारे श्रमिकों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए, रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए labour reforms भी किए जा रहे हैं, जिन नॉन स्ट्रैटेजिक सेक्टर्समें प्राइवेट सेक्टर को इजाजत ही नहीं थी, उन्हें भी खोला गया है।''
PM ने अपने संबोधन में इन बातों का भी किया जिक्र :
MSMEs की परिभाषा स्पष्ट करने की मांग लंबे समय से उद्योग जगत कर रहा था, वो पूरी हो चुकी है। इससे MSMEs बिना किसी चिंता के आगे बढ़ पाएंगे और उनको MSMEs का स्टेट्स बनाए रखने के लिए दूसरे रास्तों पर चलने की ज़रूरत नहीं रहेगी।
दुनिया का तीसरा वो देश जिसके पास बहुत बड़ी मात्रा में कोयले का भंडार हो, जिसके पास आप जैसे उद्यमी व्यापार जगत के लीडर्स हों, लेकिन फिर भी उस देश में बाहर से कोयला आए तो उसका कारण क्या है? अब कोल सेक्टरों को इन बंधनों से मुक्त करने का काम शुरू कर दिया गया है।
अब देश के स्ट्रैटेजिक सेक्टर्स में भी प्राइवेट प्लेयर्स की भागीदारी एक वास्तविकता बन रही है। आप स्पेस सेक्टर में निवेश करना चाहें, एटॉमिक एनर्जी में नए मौके तलाशना चाहें, संभावनाएं आपके लिए पूरी तरह से खुली हुई हैं। हर अवसर आपका इंतजार कर रहा है।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी का कहना यह भी है कि, अब जरूरत है कि देश में ऐसे प्रोडक्ट्स बनें जो मेड इन इंडिया हों, मेड फॉर द वर्ल्ड हों। कैसे हम देश का आयात कम से कम करें, इसे लेकर क्या नए लक्ष्य तय किए जा सकते हैं? हमें तमाम सेक्टर्स में प्रोडक्टीविटी बढ़ाने के लिए अपने टार्गेट तय करने ही होंगे।
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