दिल्ली, भारत। आज 24 जुलाई को आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि है, जिसे गुरू पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु पूर्णिमा और धम्म दिवस कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में भगवान बुद्ध को याद करते हुए यह विशेष संदेश दिया।
धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस और पूर्णिमा की दी शुभकामनाएं
गुरु पूर्णिमा और धम्म दिवस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले कहा, ''आप सभी को धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस और आषाढ़ पूर्णिमा की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आज हम गुरु पूर्णिमा भी मनाते हैं और आज के ही दिन भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद अपना पहला ज्ञान संसार को दिया था।''
PM मोदी ने बताया- हमारे यहां कहा गया है- जहां ज्ञान है, वही पूर्णत: है, वही पूर्णिमा है। जब उपदेश करने वाले स्वयं बुद्ध हो तो स्वाभाविक है कि, ज्ञान संसार के कल्याण का पर्याय बन जाता है। सारनाथ में भगवान बुद्ध ने पूरे जीवन का, पूरे ज्ञान का सूत्र हमें बताया था। उन्होंने दुःख के बारे में बताया, दुःख के कारण के बारे में बताया, ये आश्वासन दिया कि, दुःखों से जीता जा सकता है और इस जीत का रास्ता भी बताया। आज कोरोना महामारी के रूप में मानवता के सामने वैसा ही संकट है, जब भगवान बुद्ध हमारे लिए और भी प्रासंगिक हो जाते हैं। भगवान बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना हम कैसे कर सकते हैं। भारत ने ये करके दिखाया है। भगवान बुद्ध ने हमें जीवन के लिए अष्टांग सूत्र दिए।
सम्यक दृष्टि
सम्यक संकल्प
सम्यक वाणी
सम्यक कर्म
सम्यक आजीविका
सम्यक प्रयास
सम्यक मन
सम्यक समाधि
बुद्ध के सम्यक विचार को लेकर आज दुनिया के देश भी एक दूसरे का हाथ थाम रहs हैं, एक दूसरे की ताकत बन रहे हैं। इस दिशा में International Buddhist Confederation की Care with Prayer पहल भी प्रशंसनीय है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।