भारत

प्रधानमंत्री की अपील- “प्लास्टिक मुक्त भारत मुहिम का आगाज हो“

हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में प्लास्टिक की आवश्यकता ऐसी है कि, हम उसके आदी हो गये हैं। बाजार से खरीदी गयी छोटी-छोटी चीजों से लेकर बड़े-बड़े पैमाने पर आज प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है।

Author : Megha Sinha

राज एक्सप्रेस: हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में प्लास्टिक की आवश्यकता ऐसी है कि हम उसके आदी हो गये हैं। बाजार से खरीदी गयी छोटी-छोटी चीजों से लेकर बड़े-बड़े पैमाने पर आज प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है, लेकिन प्लास्टिक का इस्तेमाल हमारे पर्यावरण के लिए खतरा बनता जा रहा, खासकर सिंगल यूज प्लास्टिक जो रोज की जिंदगी में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा पर्यावरण को काफी हद तक दूषित कर रहा है।

दुनिया भर में, प्रति मिनट 1 मिलियन पानी की बोतलें खरीदी जाती हैं जो प्लास्टिक की होती हैं। जबकि दुनिया भर में हर साल 5 ट्रिलियन सिंगल यूज प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल होता है। वहीं सभी उत्पादित प्लास्टिक का आधा हिस्सा केवल एक बार इस्तेमाल के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसे यूज करने के बाद फेंक दिया जाता है।

शोधकर्ताओं का अनुमान है कि 1950 की शुरुआत के बाद से 8.3 बिलियन टन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन किया गया है। जिसमें लगभग 60% प्लास्टिक या तो लैंडफिल है या प्राकृतिक वातावरण में मिल जाता है।

प्लास्टिक मुक्त भारत मुहिम का आगाज:

देश में स्वच्छ भारत अभियान के बाद अब प्लास्टिक निजात पाओ मुहिम का भी आगाज हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी अब भारत को प्लास्टिक से छुटकारा दिलवाने की मुहिम में लग गए हैं, जिसमें प्रधानमंत्री आने वाले 2 अक्टूबर को सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने की ओर कदम उठाएंगे। प्लास्टिक की कुछ चीजें पूरी तरह से प्रतिबंधित हो जायेगीं।अगर फिर से इसका इस्तेमाल किया गया तो जुर्माना भी लग सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्य की जिम्मेदारी 8 मंत्रालयों को भी सौंपी है।

प्रधानमंत्री की लोगों से अपील-

- प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर गहरी चिंता जतायी है।

- समय के साथ समस्या गंभीर होती जा रही है।

- सिंगल यूज प्लास्टिक पर्यावरण को काफी हद तक नुकसान पहुंचा रहा है।

- जनता प्लास्टिक यूज करना पूरी तरह से छोड़ें।

- दुकान में खुद का बैग ले जाएं।

- पैकिंग के लिए दुकानदार प्लास्टिक का यूज ना के बराबर करें।

- 15 अगस्त को लाल किले में भी की थी जनता से अपील।

- रोहतक की रैली में बॉटल की जगह पानी पीने के लिए मिट्टी के घड़ो का किया गया इस्तेमाल था।

- यूएनसीसीडी सम्मेलन में भी कहा था, ''हम जल्द करेंगे भारत से प्लास्टिक को गुडबाय।''

क्या-क्या हो सकता है बैन?

- प्लास्टिक के कप

- प्लास्टिक के प्लेट,

- छोटी पानी की बॉटल

- प्लास्टिक की शीट्स

- कैरी बैग

- अन्य उत्पाद

क्या है, सिंगल यूज प्लास्टिक?

- रोजमर्रा की जिंदगी में हम जिसका एक बार ही कर सकते हैं इस्तेमाल।

- इसे डिसपोजेब्ल प्लास्टिक भी कहते हैं।

- रोजमर्रा की जिंदगी में बड़े पैमाने पर हो रहा है यूज।

क्यों जरूरी है बैन?

- पर्यावरण के लिए खतरा।

- बायोडिग्रेबल नहीं होता।

- सेहत को नुकसान पहुंचाता है।

- मिट्टी या पानी में नष्ट नहीं कर सकते।

- पशु के लिए जानलेवा है।

- देश भर में लाखों टन कचरे का ढेर हो रहा है जमा।

- केवल 7.5% की ही हो पाती है रीसाइक्लिंग।

सबसे बड़ा सवाल-

इस मुहिम के अंतर्गत सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि अगर जनता प्रधानमंत्री की इस मुहिम को स्वीकार करती है, तो क्या वे सरकार द्वारा संचालित सभी संस्थाओं पर भी सिंगल यूज़ प्लास्टिक के इस्तमाल पर रोक लगाएंगे? जैसा सर्वविदित हैं कि सभी डेरी प्रोडक्ट्स प्लास्टिक पैकिंग में ही उपलब्ध होते हैं और यह प्लास्टिक सिंगल यूज़ प्लास्टिक होता है, जिसे हम दोबारा इस्तेमाल नहीं कर सकते। दूध, दही, छाछ (मठ्ठा), यहाँ तक बच्चों की सबसे प्रिय मैगी भी प्लास्टिक में ही उपलब्ध हैं। क्या प्रधानमंत्री की इस मुहिम के तहत ये सभी प्रोडक्ट्स बिना प्लास्टिक पैकिंग के उपलब्ध हो पाएंगे? अगर हां तो क्या इनके मूल्य में कोई वृद्धि होने की सम्भावना हो सकती हैं? कहीं ऐसा न हो की यह मुहिम भी आगे जाकर जनता की जेब पर भारी पड़ जाये।

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